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Updated on: 12 September, 2022 6:01 PM IST
किसानों के लिए जरूरी सलाह

भारत मौसम विभाग ने बिहार के किसानों के लिए सलाह दी है कि वह मौसम के मद्देनजर अपनी फलस का ध्यान कैसे रख सकते हैं, जिसके फसल की बंपर पैदावार होगी. हम इस लेख के माध्यम से पटना, नालंदा और किशनगंज के किसानों के लिए जरूरी सलाह बता रहे हैं.

पटना और नालंदा के किसानों के लिए सलाह

धान की फसल

किसानों को धान की फसल में हाथ से निराई करने की सलाह दी जाती है. यदि मजदूर उपलब्ध नहीं हैं तो खरपतवारनाशी (25-30 डीएटी) जैसे बिसपायरिबेक सोडियम @ 200-250 मिली प्रति हेक्टेयर या एथाक्सी सल्फ्यूरान 100 ग्राम 500-600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर व्यापक पत्तियों और सेज खरपतवारों के नियंत्रण के लिए लागू करें.

धान उत्पादकों को सुझाव दिया जाता है कि नाइट्रोजन की दूसरी खुराक 40 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम जुताई की अवस्था में डालें. यदि धान के खेत में जिंक की कमी दिखाई दे, तो खैरा रोग के नियंत्रण के लिए जिंक सल्फेट @ 25 किग्रा/हेक्टेयर डालें.

पोल्ट्री हाउस के लिए सलाह

पोल्ट्री हाउस को वैकल्पिक दिनों में साफ करें और ब्लीचिंग पाउडर या चूने का नियमित रूप से छिड़काव करें. मुर्गियों को दिन में कम से कम 3 बार साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराएं. फ़ीड सामग्री को केवल 10-15 दिनों के लिए स्टोर करें. कुक्कुट को समय पर ठीक से टीका लगाया जाना चाहिए. विभिन्न आयु वर्ग के पक्षियों की भीड़भाड़ और मिश्रण से बचें.

किशनगंज जिले के किसानों को मौसम विभाग की जरूरी सलाह

चावल

चौड़ी पत्तियों और सेज खरपतवारों के नियंत्रण के लिए पर्याप्त है. • धान उत्पादकों को सुझाव दिया जाता है कि नाइट्रोजन की दूसरी खुराक 40 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम जुताई की अवस्था में डालें. यदि धान के खेत में जिंक की कमी दिखाई दे, तो खैरा रोग के नियंत्रण के लिए जिंक सल्फेट @ 25 किग्रा/हेक्टेयर डालें.

अरहर

सितंबर में बोई गई अरहर की किस्मों जैसे पूसा-9, शरद आदि की बीज दर 25-30 ग्राम/अरहर) किग्रा/हेक्टेयर के साथ बोने की सलाह दी जाती है. बुवाई से पहले बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करना चाहिए.

धान की फसल के लिए जरूरी सलाह

वर्तमान मौसम की स्थिति में धान की फसल में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट के संक्रमण की संभावना बनी हुई है. इसे ध्यान में रखते हुए, यदि किसान देखते हैं कि धान की पत्तियां पीली हो रही हैं, पानी से लथपथ धारियाँ पत्ती की युक्तियों और किनारों से फैल रही हैं, बड़ी हो रही हैं और कभी-कभी पत्तियां पूरी तरह से पीली हो जाती हैं, तो उन्हें स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 50 ग्राम + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड हाइड्रॉक्साइड @ 2.5 किग्रा / हा.  के घोल का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है. 1000 लीटर पानी में 12 दिन के अंतराल पर दो बार मिला लें.

मक्के की फसल के लिए जरूरी सलाह

खरीफ मक्के में कलौंजी निकलने के समय नत्रजन की शेष मात्रा निराई-गुड़ाई के बाद यूरिया के रूप में दें. मक्के की फसल को खरपतवारों से मुक्त रखें.

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फूलगोभी के लिए सलाह

फूलगोभी की मध्य अवधि की किस्मों जैसे पूसा अघानी, पूसा सिंथेटिक -1, पूसा शुभ्रा, पूसा शरद, पूसा मेघना, कासी कुवारी, और जल्दी स्नोबॉल की रोपाई की सलाह दी जाती है. बोरॉन और मोलिब्डेनम की कमी वाली भूमि में भूमि की तैयारी के दौरान 10-15 किलोग्राम बोरेक्स और 1-2 किलोग्राम मोलिब्डेनम लगाने की सलाह दी जाती है.

सब्ज़ियां

वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए सब्जी फसलों में चूसने वाले कीट के हमले के साथ-साथ कवक के हमले की भी संभावना है. यदि ऐसी स्थिति देखी जाती है, तो इमिडाक्लोरोप्रिड @ 0.3 मिली प्रति लीटर पानी और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड @ 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालने की सलाह दी जाती है.

पशुपालन

किसानों को एफएमडी, पीपीआर, रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया और पशुओं को ब्लैक क्वार्टर के खिलाफ टीका लगाने की सलाह दी जाती है.

English Summary: Farmers of Patna, Nalanda and Kishanganj should take care of their crops in this way this season
Published on: 12 September 2022, 06:05 PM IST

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