मध्य प्रदेश के किसानों को इन दिनों लहसुन की फसल से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल, प्रदेश में लहसुन की अधिक उपज हुई है, लेकिन फसल से मुनाफे की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. बताया जाता है कि एक तरफ लहसुन के गिरते दामों ने किसानों को काफी नुकसान पहुँचाया है, तो वहीँ दूसरी तरफ भण्डारण के दौरान लहसुन में पोचा नमक समस्या उत्पन्न हो रही है.
जिस वजह से किसानों को अपनी फसल से मुनाफा नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसानों ने इंदौर जिले के उद्यानिकी उपसंचालक को खराब हुई लहसुन फसल की जानकारी देकर इसकी वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की मांग की है.
लहसुन फसल में पोचा नामक समस्या को देखते हुए भारतीय किसान एवं मजदूर सेना मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि लहसुन की स्थिति काफी अच्छी थी, लेकिन जब मंडियों में ले जाने के लिए इसे बोरियों में भरकर तैयार किया गया, तो इसमें पोचा नामक समस्या देखी गयी.
पोचा होने से लहसुन काफी मुलायम हो गया है, लहुसन बोरियों में भरने से आसानी से दब रहा है. पूरे संभाग में करीब 90% किसान लहसुन फसल की इस समस्या से परेशान है. लहसुन में पोचा नामक समस्या होने से किसानों को फसल से अच्छा मुनाफा नहीं प्राप्त हो रहा है.
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वहीँ दूसरी तरफ किसानों की इन समस्याओं को लेकर भारतीय किसान एवं मजदूर सेना के अधिकारीयों ने इस समस्या की जांच करने की बात कही है. साथ ही किसानों को आने वाले साल में इस तरह का समस्या किसानों को न उठानी पड़े, इसके लिए उन्हें समय पर उचित सलाह भी मुहैया करवाने की बात कही है.
लहसुन भण्डारण में रोग का खतरा (Disease Risk In Garlic Storage)
लहसुन भण्डारण के दौरान फसल में कई तरह के रोगों का खतरा रहता है. आमतौर पर लहसुन फसल में ब्लू मोल्ड रॉट, बल्ब की क्षति, एस्परजिलस रॉट, फ्यूसेरियम रॉट, ड्राइ रॉट एवं ग्रे मोल्ड रॉट रोग अदि रोग लगने की संभावने हो जाती है, ऐसे में किसानों को भण्डारण के दौरान काफी सावधानियां बरतनी चाहिए.