Cow Dung: देश में 30 करोड़ से अधिक मवेशी हैं. वहीं गाय के गोबर से बनी बायोगैस लगभग 50% घरेलू गैस की जरूरतों को पूरा करता हैं. इसी कड़ी में भारत सरकार ने एक ऐसी कंपनी की शुरुआत की है जो गाय के गोबर से बायोगैस, कम्पोस्ट और अन्य उत्पाद बनाने का काम करेगी.
सरकार ने NDDB Mrida Ltd का किया शुभारंभ
दरअसल, हाल ही में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने देशभर में खाद प्रबंधन की पहल को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, एनडीडीबी (National Dairy Development Board, NDDB) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनडीडीबी एमआरआईडीए लिमिटेड (NDDB Mrida Ltd) का शुभारंभ किया.
किसानों की आय बढ़ायेगा गाय का गोबर
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बताया कि नई कंपनी NDDB Mrida Ltd डेयरी किसानों को घोल/गोबर की बिक्री से अतिरिक्त आय के रास्ते खोलेगी. उन्होंने बताया कि खाना पकाने के ईंधन को बायोगैस में बदलने से किसानों को बचत होगी. गोजातीय गोबर के बेहतर उपयोग के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन अधिकांश व्यक्तिगत पहल हैं.
हालांकि, यह नई कंपनी प्रबंधन प्रयासों को खाद बनाने के लिए संरचित प्रोत्साहन प्रदान करेगी. इसके अलावा, गोबर आधारित खाद के उपयोग को बढ़ावा देने से धीरे-धीरे रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद की जगह ले ली जाएगी जिससे आयात पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी.
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NDDB Mrida Ltd कैसे बढ़ायेगी किसानों की आय?
NDDB Mrida Ltd कंपनी खाद प्रबंधन मूल्य श्रृंखला बनाकर गोबर के कुशल उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो डेयरी किसानों की आजीविका को बढ़ाने का काम करेगी.
इसके साथ ही ये स्वच्छ भारत मिशन और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगी. कंपनी विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मॉडल पर फोकस करते हुए काम करेगी. इनमें से एक प्रत्येक डेयरी किसान के घर में बायोगैस प्लांट स्थापित करने का काम भी है. ये मात्र एक महीने में ही 2 रसोई गैस सिलेंडर को बदलने में मदद कर सकता है.