Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 4 September, 2021 4:14 PM IST
Drought in Rajsthan

अपनी बदहाली के आगे घुटने टेक चुके किसानों की गुहार सुनने वाला कोई नहीं है. कल तक जो यह कहते हुए नहीं थकते थे कि हम किसानों की जिंदगी को खुशियों से गुलजार कर देंगे, आज यही लोग इनकी जिंदगी को वीरान कर चुके हैं. आलम यह है कि  ये किसान आज लाचार, बेबस, बदहाल, बदहवास हैं, लेकिन  इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

यह वही किसान हैं, जो देश का पेट भरते हैं, लेकिन आज जब इनकी जिंदगी में मुसीबत आ पड़ी है, तो इनकी गुहार सुनने वाला कोई नहीं है. दरअसल, यह पूरा वाकया राजस्थान के हनुमानगढ़ और गंगानगर जिले का है. इन जिलों को खरीफ फसलों को खान कहा जाता है. इन जिलो में कभी फसलें लहलहाती थी, लेकिन अफसोस आज कुदरत की मार इन जिलों पर ऐसी पड़ी है कि ये सूखे की चपेट में हैं.

वहीं,  हनुमानगढ़ और गंगानगर जिले के किसानों का कहना है कि सत्ता में बैठे लोग इनका हाल भी नहीं जान रहा हैं, ऐसे  लोगों से सुद समेत हिसाब लिया जाएगा, लेकिन फिलहाल तो हमें इस बात पर ध्यान देना है कि कैसे इस स्थिति से निपटा जाए.

किसानों का कहना है कि यहां सिंचाई की व्यवस्था न होने से सूखे की मार झेलनी पड़ रही है. इस बार बारिश भी कम हुई है. नहीं तो हर बार कुदरत की मेहरबानी हमें इस सूखे से बचा लेती थी, लेकिन अफसोस इस बार ऐसा नहीं हुआ जिसकी वजह से आज हम सूखे की चपेट में हैं.

सरकार ने कभी सिंचाई की उचित व्यवस्था करने हेतु ध्यान नहीं दिया. हालांकि यहां सिंचाई की उचित व्यवस्था करने हेतु एक नहर है, लेकिन पंजाब में डेम बनने की वजह से अभी यह नहर में हमारे लिए उपयोगी नहीं है. किसानों का कहना है कि सूखे की वजह से कपास और मूंग की फसल तो बर्बाद हो चुकी हैं। ये फसलें 50 प्रतिशत सूखे के चपेट में हैं. 

हम कई बार किसानों के समक्ष  इस पूर मामले को उठा चुके हैं. यहां तक की जिले के किसान भी प्रदर्शन कर चुके हैं, मगर सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई भी हितकारी कदम नहीं उठाया है. खैर, अब आगे चलकर सरकार इस दिशा में किसान भाइयों के लिए क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही  बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि जगत से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए....कृषि जागरण.कॉम

English Summary: Farmers in trouble due to drought in Ganganagar and Hanumangarh districts
Published on: 04 September 2021, 04:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now