Paddy Procurement: इस वर्ष धान की सरकारी खरीद में तेजी देखी गई है. किसानों के लक्ष्य के मुताबिक 93 फीसद धान की खरीद हो चुकी है. यह पिछले साल की तुलना में इस साल दो फीसद ज्यादा है. यह आंकड़ा सितंबर तक के मौजूदा मार्केटिंग सीजन का है. यह टारगेट 518 लाख टन का था, लेकिन हरियाणा में धान की खरीद में तेजी को देखते हुए टारगेट को बढ़ाकर 521 लाख टन कर दिया गया.
राष्ट्रीय स्तर पर धान की खरीद में तेजी है लेकिन तमिलनाडु में नवंबर से हर महीने खरीद कम हो रही है. तमिलनाडु में धान की खरीदी का शुरुआती लक्ष्य 19.9 लाख टन रखा गया था जिसे बाद में घटाकर 12.9 लाख टन कर दिया गया.
आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार, अक्टूबर में 114.34 लाख टन, जो पिछले साल से 12% अधिक है. नवंबर में 104.39 लाख टन, दिसंबर में 137.2 लाख टन, जनवरी में 81.4 लाख टन और फरवरी में 41 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है.
पश्चिम बंगाल में खरीफ धान की खरीद 31 मई तक चलेगी और असम में 30 जून तक. ओडिशा, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक में धान की खरीद 31 मार्च को बंद हो जाएगी.
आंकड़े के मुताबिक, पूरे देश में धान की खरीद 1.47 लाख करोड़ रुपये की कीमत के साथ 478.3 लाख टन की खरीद की जा चुकी है. पिछले साल इसी अवधि में 469.9 लाख टन धान की खरीद हुई थी. इस साल धान खरीद से 99 लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ है.
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उत्तर प्रदेश में खरीद का आंकड़ा अपने लक्ष्य 40 लाख टन को पार कर गया है. यह लक्ष्य से अधिक 43.8 लाख टन पर पहुंच गया है. पिछले साल इसी अवधि में 43.6 लाख टन खरीद की गई थी. बिहार राज्य में 28.17 लाख टन धान की खरीद हुई है, जो कि पिछले साल का आंकड़ा 30.09 लाख टन से कुछ कम है. बिहार में खरीफ धान की खरीद का लक्ष्य 30 लाख टन निर्धारित किया गया है. छत्तीसगढ़ में 61.6 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है.