Success Story: चायवाला से उद्यमी बने अजय स्वामी, मासिक आमदनी 1.5 लाख रुपये तक, पढ़ें सफलता की कहानी ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान इन बातों का रखें ध्यान, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान! ICAR ने विकसित की पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की किस्म, 100 क्विंटल तक मिलेगी पैदावार IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 26 November, 2017 12:00 AM IST
Poultry Farming

फलों का राजा आम की प्रमुख दशहरी किस्म देश भर में धमाल मचाती है. सीजन में दशहरी मानों चर्चित व्यक्तित्व की तरह बाजार में प्रसिद्ध रहता है. किसानों की कृषि से अधिक आमदनी हासिल हो सके इस दिशा में सरकार के साथ-साथ भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के संस्थान भी पीछे नहीं रह रहे. आप को बता दें उत्तर प्रदेश लखनऊ में स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा ने इसी उद्देश्य से किसानों को कई प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया.

इस बीच संस्थान ने आम के बागों में जगह का इस्तेमाल कर बाग में मुर्गीपालन इत्यादि के लिए प्रेरित किया है. जिससे जगह का समुचित प्रयोग किया जा सके व आमदनी में वृद्धि की जा सके.

किसानों को हो अधिक फायदा

संस्थान के बागवानी विभाग प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनीष मिश्रा ने कृषि जागरण से बातचीत के दौरान बताया कि लखनऊ के मलिहाबाद का दशहरी देश भर में जाना जाता है. इस बीच यहां के आम की फसल ही लोगों का प्रमुख रोजगार है. यहां पर तीस हजार हैक्टेयर में आम की खेती की जाती है. लेकिन पिछले कुछ समय से वातावरण व जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप किसानों को ज्यादा फायदा नहीं हो रहा. जिसके लिए संस्थान ने किसानों की इस परेशानी से मुक्ति दिलाने का फैसला किया. जिसके मद्देनज़र किसानों को फार्मर फस्ट परियोजना के तहत ऐसे तकनीकों के बारे में जागरुक करने का कार्य किया जिससे किसानों को अधिक फायदा हो.

वह बताते हैं कि किसान शहरीकरण के कारण रकबे में हो रही कमी से काफी परेशान हैं जिससे उनके पास रोजगार की कमी होती जा रही है. यदि किसान के पास आम की बाग है तो किसान बाग के बीच की खाली जगह में मुर्गीपालन कर लाभ कमा सकते हैं. जिसके लिए वह केंद्रीय पक्षी अनुसंधान केंद्र बरेली द्वारा अच्छी प्रजाति लाकर किसानों को दिये गए ताकि वह बाग में मुर्गीपालन कर सकें.

यही नहीं डॉ. मिश्रा के अनुसार ग्रामीण महिलाओं के लिए आमचूर बनाने की पुरानी पद्धतियों द्वारा काफी नुकसान उठाना पड़ता था जिसके लिए उन्हें संस्थान ने ग्रिंडर स्थापित कर नवीनतम विधि द्वारा आमचूर निर्मित कर अधिक लाभ कमाने का अवसर दिया. इस बीच बिचौलिए की मध्यस्तथा दूर करने के लिए संस्थान चिंतित है.

इस विषय पर गंभीरता से कार्य करते हुए किसानों को पके हुए फलों को बाजार में बेचने के लिए कहा. जिससे किसानों का मात्र 30 रुपए प्रति किलो बिकने वाला फल 60 रुपए में बिकने लगा. साथ ही किसानों को मंडी वाले 10 प्रतिशत टैक्स से छुटकारा मिला.

English Summary: Farmers doing poultry farming in Mango garden doubled in ...
Published on: 26 November 2017, 05:06 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now