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Updated on: 12 February, 2018 12:00 AM IST
Maize

किसान भाइयों विश्व में मक्का की उत्पादन क्षमता खाद्दान्न फसलों में सर्वाधिक है. इसे रबी एवं खरीफ दोनो ही सीजन बोया जा सकता है. इस दौरान मक्का बुवाई की आधुनिक दौर में कई विधियां प्रचलित हैं. जिसमें फर्ब्स विधि व जीरो टिलेज आजकल काफी प्रचलन में हैं. 

इसके कई प्रकार के रोचक तथ्य भी हैं कि मक्का की बुवाई खेत में पूर्व से पश्चिम दिशा वाली मेड़ के उत्तरी भाग में की जानी चाहिए ताकि मक्का में लवण क्षार की समस्या से बचा जा सके. आइए जानते हैं मक्का की बुवाई की आधुनिक विधि से हम किस प्रकार लाभ उठा सकते है

मक्का की जीरो टिलेज बुवाई विधि (Zero tillage sowing method of maize)

एक फसल की कटाई के बाद तुरंत बिना जुताई के मक्का की बुवाई करने की विधि को जीरो टिलेज विधि कहते हैं.

इस विधि में मशीन द्वारा बीज व उर्वरक की एक साथ बुवाई की जा सकती है. खास बात इसका इस्तेमाल हम चिकनी मिट्टी के साथ-साथ सभी मिट्टी में किया जा सकता है.

जीरो टिलेज के लाभ (Benefits of zero tillage)

इस विधि से 60 से 70 प्रतिशत तक ईंधन की बचत की जा सकती है. साथ ही पर्यावरण प्रदूषण भी कम होता है. खरपतवारों के जमाव को रोकने में यह विधि काफी कारगर साबित होती है.

इस विधि से प्रति हैक्टेयर 2000 से 2500 रुपए की बचत होती है. समय से 10 से 15 दिन पहले बुवाई करके समय की बचत की जा सकती है.

फर्ब तकनीक से मक्का की बुवाई (Sowing of maize by farb technique)

यह तकनीकी सबसे भिन्न है क्योंकि साधारण तौर पर आप मक्का की बुवाई लाइनों में की जा सकती है. लेकिन इस विधि में ट्रैक्टर से रीजर-कम ड्रिल से की जाती है. कहा जाता है कि इस विधि में पानी व खाद की बचत होती है.

उत्पादन की लागत में कमी आती है. इसके अतिरिक्त छोटे पौधों में मशीन से निराई-गुड़ाई कर सकते हैं. बीज उत्पादन के लिए भी यह विधि अपनाई जाती है.

मक्का की उन्नत किस्में (Improved varieties of maize)

एच.क्यू.पी.एम 1 व 5, विवेक क्यू.पी.एम 7 तो वहीं मीठी मक्का के लिए माधुरी, विनिओरेंज, प्रिया एवं एच.एस.सी 1 एवं चारे के लिए अफ्रिकन टाल, जे 1006, प्रताप चरी 6 .

English Summary: Farmers can save cost and time by these method of corn sowing.
Published on: 12 February 2018, 02:52 AM IST

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