Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 5 October, 2021 5:21 PM IST
Haryana Border

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई 4 किसान सहित 8 लोगों के मौत के बाद लगाई पाबंदियों की वजह से गाँव में शांति बनी रही. वहीं दूसरी तरफ उस घटना के विरोध में सोमवार को जिंद जिले के किसानों ने भी गुस्सा में आकर अपना अपना आप खो दिया. किसानों ने जिंद-हिसार मार्ग व जिंद बरवाला मार्गों को जाम कर दिया. सयुंक्त किसान मोर्चा के निरीक्षण में डीसी कार्यालय का घेराव भी किया.

मिली जानकारी के अनुसार किसान डीसी कार्यालय के बाहर डटे रहे. इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौके पर तैनात थी, ताकि किसी तरह की दुर्घटना को होने से रोका जा सके.

सुबह करीब 9 बजे जिंद-हिसार मार्ग पर स्थित गांव रामराय बस अड्डा पर रामराय, राजपुरा भैंन, गुलकनी आदि गांवों के किसानों ने मोटे- मोटे लकड़ी डालकर सड़क जाम कर दिया है. इससे पहले सुबह 8 बजे जींद-बरवाला मार्ग पर स्थित गांव ईटल कलां बस अड्डा पर करीब 60-70 लोगों ने जाम लगा दिया. इस दौरान किसानों ने अपना आक्रोश प्रशासन को दिखाते हुए जमकर नारेबाज़ी और विरोधी भी की.

मौके पर पहुंची प्रशासन

वहीं जाम की सूचना मिलते ही सदर थाना प्रभारी मनीष कुमार व डीएसपी पुष्प खत्री दोनों जगह किसानों को समझाने पहुंचे, मगर पुलिस वालों की सभी कोशिशें नाकाम होती दिखाई दी. किसान अपनी जगह से टस से मस नहीं हुए. एक तरफ पहले ही कृषि कानून के विरोध में किसान सड़कों पर बैठे हैं. ऐसे में अब इस घटना का होना बाकि जनता के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.

उधर खटकड़ टोल से सयुंक्त किसान मोर्चा, कंडेला खाप, खेड़ा खाप के पदाधिकारियों की अगुवाई में सैकड़ों किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर जिला मुख्यालय पहुंच गए. दोपहर करीब साढ़े 12 बजे किसानों ने डीसी कार्यालय को घेर लिया. जिसके बाद जमकर नारेबाज़ी और प्रशासन के विरोध में नारे लगाए गए. घेराव करने वाले सैकड़ों किसानों में प्रमुख आजाद पालवां, सतबीर बरसोला, सिक्कम देवी, कंडेला खाप के प्रधान ओम प्रकाश कंडेला, राज सिंह कंडेला, जगतसिंह लोहचब आदि प्रमुख थे.

हिमाचल में भी किसानों को लेकर मामला हुआ गर्म

वहीं, दूसरी तरफ हिमाचल में भी लखीमपुर घटना को लेकर गर्मी बढ़ती हुई दिखाई दी. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हिमाचल किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शन ज़ारी किया. किसानों ने राजधानी शिमला में माल रोड पर प्रदर्शन करके अपनी गिरफ्तारियां देकर काला दिवस मनाया. लखीमपुर खीरी में किसान लवप्रीत सिंह, नछत्तर सिंह, दलजीत सिंह और गुरविंद्र सिंह की मौत के विरोध में और अन्य गंभीर रूप से घायल हुए किसानों के समर्थन में यह प्रदर्शन देश के अलग-अलग कोने से आता दिख रहा है. किसानों की हत्या के पूरे प्रकरण की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया जाए समिति ने इसकी भी मांग की है.

किसान समिति ने इसे केंद्र और राज्य सरकार कि साजिश बताई

कुल्लू में भी उग्र हुए किसानों ने किसानों के समर्थन में अपना गुस्सा सरकार के प्रति दिखाया. हिमाचल किसान सभा कुल्लू ने भी लखीमपुर घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया. हिमाचल किसान सभा कुल्लू ने मुख्यालय में आक्रोश रैली निकाली और उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा. जिसमें राष्ट्रपति से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे को गिरफ्तार करने के साथ उपायुक्त कुल्लू केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है.

किसान सभा ने मंत्री के बेटे पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री के बेटे और उसके गुंडे साथियों ने जिस बेखौफ तरीके से यह कातिलाना हमला किसानों पर किया है, सिर्फ इतना ही नहीं किसान समिति ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि यह एक गहरी साजिश दिखाता है. इससे पहले भी केंद्रीय राज्य मंत्री किसानों के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक भाषण देकर इस हमले की भूमिका बना चुके थे.

English Summary: Farmers blocked the road by Protesting.
Published on: 05 October 2021, 05:48 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now