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Updated on: 17 March, 2023 2:30 PM IST
सरकार को दी चेतावनी!

आलू के बाद अब यूपी के किसान गेहूं के दाम कम मिलने से नाराज़ हैं. सूबे के किसान गेहूं के कम दाम मिलने पर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार से नाराज़ हैं. राज्य की शाजापुर कृषि उपज मंडी में मौजूद किसानों ने सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन और नारेबाज़ी की. किसानों का कहना है कि दाम कम होने की वजह से उन्हें नुक़सान हो रहा है और अगर गेहूं के दाम बढ़ाए नहीं जाते तो भविष्य में भी धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे.

कृषि उपज मंडी के एक किसान अपना गेहूं लेकर आए थे जो 1981 रुपये क्विंटल में बिका. किसान का कहना था कि केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये क्विंटल तय किया है, इसके बावजूद यहां की मंडी में समर्थन मूल्य से कम दाम पर ख़रीद हो रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और मंडियों पर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समस्या समझें.

नाराज़ किसानों का नेतृत्व किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ द्वारा किया जा रहा है. संगठन का कहना है कि, सरकार को किसानों की मांगों की तरफ़ ध्यान देना चाहिए. ख़ून-पसीने और कड़ी मेहनत के बाद भी किसानों को उनकी फ़सल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है.

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आलू किसान बदहाल

उत्तर प्रदेश में आलू उगाने वाले किसानों की हालत बेहद ख़राब है. आलू के दाम में गिरावट के चलते किसान कौड़ियों के भाव उपज बेचने को मजबूर हैं. कई आक्रोशित किसानों ने तो अपनी आलू फ़सल को सड़कों पर फेंक कर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की. ऐसे हालातों में विरोध का सामना कर रही प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 650 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू ख़रीदने की घोषणा की. लेकिन किसान इसके बावजूद नाराज़ हैं. कुछ किसानों ने आलू को कोल्ड स्टोर में इस उम्मीद से रखना शुरू कर दिया था कि रेट में सुधार होने पर वो बेचेंगे, लेकिन अब कोल्ड स्टोर में भी जगह की कमी हो रही है. ऐसे हालातों के बीच किसान हताश और निराश हैं.

English Summary: farmers are unhappy on the price of wheat, protested
Published on: 17 March 2023, 01:44 PM IST

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