GFBN Story: अपूर्वा त्रिपाठी - विलुप्तप्राय दुर्लभ वनौषधियों के जनजातीय पारंपरिक ज्ञान, महिला सशक्तिकरण और हर्बल नवाचार की जीवंत मिसाल Prasuti Sahayata Yojana: श्रमिक महिलाओं को राज्य सरकार देगी 21,000 रुपए तक की आर्थिक मदद, जानें आवेदन प्रक्रिया! Seeds Subsidy: बीज खरीदने पर राज्य सरकार देगी 50% सब्सिडी, जानिए कैसे मिलेगा लाभ किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 March, 2023 2:30 PM IST
सरकार को दी चेतावनी!

आलू के बाद अब यूपी के किसान गेहूं के दाम कम मिलने से नाराज़ हैं. सूबे के किसान गेहूं के कम दाम मिलने पर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार से नाराज़ हैं. राज्य की शाजापुर कृषि उपज मंडी में मौजूद किसानों ने सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन और नारेबाज़ी की. किसानों का कहना है कि दाम कम होने की वजह से उन्हें नुक़सान हो रहा है और अगर गेहूं के दाम बढ़ाए नहीं जाते तो भविष्य में भी धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे.

कृषि उपज मंडी के एक किसान अपना गेहूं लेकर आए थे जो 1981 रुपये क्विंटल में बिका. किसान का कहना था कि केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये क्विंटल तय किया है, इसके बावजूद यहां की मंडी में समर्थन मूल्य से कम दाम पर ख़रीद हो रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और मंडियों पर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समस्या समझें.

नाराज़ किसानों का नेतृत्व किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ द्वारा किया जा रहा है. संगठन का कहना है कि, सरकार को किसानों की मांगों की तरफ़ ध्यान देना चाहिए. ख़ून-पसीने और कड़ी मेहनत के बाद भी किसानों को उनकी फ़सल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ेंः गेहूं की बढ़ी मांग तो व्यापारियों ने उतारा पुराना माल, जानिए क्या है मंडी का हाल

आलू किसान बदहाल

उत्तर प्रदेश में आलू उगाने वाले किसानों की हालत बेहद ख़राब है. आलू के दाम में गिरावट के चलते किसान कौड़ियों के भाव उपज बेचने को मजबूर हैं. कई आक्रोशित किसानों ने तो अपनी आलू फ़सल को सड़कों पर फेंक कर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की. ऐसे हालातों में विरोध का सामना कर रही प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 650 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू ख़रीदने की घोषणा की. लेकिन किसान इसके बावजूद नाराज़ हैं. कुछ किसानों ने आलू को कोल्ड स्टोर में इस उम्मीद से रखना शुरू कर दिया था कि रेट में सुधार होने पर वो बेचेंगे, लेकिन अब कोल्ड स्टोर में भी जगह की कमी हो रही है. ऐसे हालातों के बीच किसान हताश और निराश हैं.

English Summary: farmers are unhappy on the price of wheat, protested
Published on: 17 March 2023, 01:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now