मध्य प्रदेश के नीमच में फूलों की मंडी के नहीं होने और फूलों के अच्छे दाम नहीं मिलने के कारण कंजार्डा के गुलाब और गेंदा यहां के मंदसौर और राजस्थान के कोटा तक पहुंचने लगा है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि अ नवरात्रि चल रहे है और आने वाले समय में त्यौहाली सीजन को देखते हुए इन फूलों की मांग ज्यादा हो रही है और आवक कम हो रही है. इसीलिए फूलों के दाम भी आसमान पर पहुंच गए है. बता दें कि जो गुलाब चंद दिनों पहले 50 रूपये किलो तक बिकता था आज वह 200 से 250 रूपये किलो तक बिक रहा है. इससे हार और फूलों की मालाओं की कीमतों में तेजी आई है.
गुलाब की पैदावार पर असर हो रहा
दरअसल मनासा तहसील के कंजार्डा के फूलों की खेती दूर तक प्रसिद्ध है. यहां पर खास तौर से हैदराबादी गुलाब की ज्यादा खेती होती है. इस बार बाढ़ और बारिश के चलते फूलों की पैदावार पर खासा असर पड़ा है और गुलाब पैदा करने वाले किसानों को कुछ भी हाथ नहीं लग रहा है. खुले हुए मौसम में एक बीघा में करीब 20 से 25 किलो फूल का उत्पादन प्रतिदिन प्राप्त होता था, अब यह मात्र 4 से 5 किलो पर आकर सिमट गया है. कंजार्डा ही नहीं बल्कि प्रदेश के अधिकतर फूल उत्पादन क्षेत्रों में यही हालात है. आज नवरात्रि के चलते बाजार में फूलों की डांड भी बढ़ती ही जा रही है.
बारिश से उत्पादन प्रभावित
किसानों का कहना है कि बारिश की मार के चलते गुलाब का उत्पादन पर असर पड़ रहा है, आज आम दिनों में प्रतिदिन एक बीघा में 25 से 40 किलो तक फूल प्राप्त होता है. वही बारिश के कारण भी केवल तीन से चार किलो फूल ही प्राप्त हो रहा है. वही बारिश के कारण मात्र तीन से चार किलो फूल भी प्राप्त हो रहा है. नीमच और चित्तौड़गढ़ में फूलों की मंडी नहीं होने से यहां पर बंदी के फूल 50 से 60 रूपये किलो में बिकते है. वही कोटा और मंदसौर की मंडी में गुलाब 200 से 250 रूपए बिक रहा है.