किसानों ने अपनी खेती से इस बीच लोगों को चौंका रखा है कुछ ऐसी ही खबर पुणे से आ रही है. जी हां, पुणे के मावल गांव (Maval Village) में स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) शुरू करने के साथ ही किसानों ने धमाल मचा रखा है. यहां के किसान हर साल स्ट्रॉबेरी की खेती से 25 लाख रुपये कमा रहें है.
मावल ने बदली अपनी क़िस्मत (Maval changed their luck)
मावल गांव में केवल गन्ना और धान की खेती ही की जाती थी लेकिन इस क्षेत्र के किसानों ने दिखाया है कि अब स्ट्रॉबेरी भी उगाई जा सकती है. इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इस स्ट्रॉबेरी की मांग बढ़ रही है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में स्ट्रॉबेरी का सबसे ज्यादा उत्पादन महाबलेश्वर (Mahabaleswar) में होता है. सर्दियों में लोग महाबलेश्वर जाकर लाल और नारंगी स्ट्रॉबेरी का स्वाद चखते थे, लेकिन अब मावल के किसानों ने दिखा दिया है कि मावल में भी ऐसा संभव है.
अगर कृषि में अलग-अलग प्रयोग किए जाएं तो वे निश्चित रूप से वो सफल होते हैं. यहाँ के किसान ने बड़ी संख्या में स्ट्रॉबेरी की खेती की थी जिससे वो अब 25 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. इन्होंने इस फसल को उचित योजना और कड़ी मेहनत के साथ लगाया था.
विंटर डाउन स्ट्रॉबेरी की बढ़ी डिमांड (Increased demand for winter down strawberries)
महाबलेश्वर में उगने वाली 'विंटर डाउन' स्ट्रॉबेरी किस्म अब मावला में भी दिखाई दे रही है. मावल के रहने वाले किसान प्रदीप धमनकर इस किस्म के बीज महाबलेश्वर से लाए थे. जिसमें उन्होंने 30 गुंटा में पंद्रह हजार पेड़ लगाए थे और अब स्ट्रॉबेरी की कटाई की जा रही है.
खास बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस स्ट्रॉबेरी की काफी मांग बढ़ रही है. ये स्ट्रॉबेरी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1000 रुपये से 1500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती हैं. मावला स्ट्राबेरी मुख्य रूप से दुबई, मस्कट और सिंगापुर भेजे जा रहे हैं.
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किसान ने बताया कि उसने सिर्फ 5 लाख रुपये स्ट्रॉबेरी की खेती में खर्च किए हैं. तो अब जब स्ट्रॉबेरी बनकर तैयार हो गई है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक रही है तो कम से कम 25 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं और आगे और मुनाफा होने की उम्मीद है.
किसानों का हौंसला रहेगा बुलंद (Farmers' spirits will remain high)
यहां के किसान ने 30 गांठ जमीन में गद्दे के पैड बनाए और उसपर गोमूत्र डाल दिया. बता दें कि एक पौधे में कम से कम एक किलो स्ट्रॉबेरी आती है. अब मावल के किसानों से न केवल धान और गन्ने पर निर्भर रहेंगे बल्कि अब विभिन्न प्रयोगों से आय प्राप्त करने की उनकी कोशिश बनी हुई है जो सफल भी हो होगी.