एक तरफ किसान कोरोना और लॉकडाउन की मार झेल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ फरवरी और मार्च में हुई असामयिक बारिश, ओलावृष्टि और आंधी ने फसलों को बर्बाद कर दिया है. ऐसे में बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत दी है. दरअसल, सरकार कृषि इनपुट अनुदान के तहत किसानों की फसलक्षति का भुगतान करने जा रही है. इसके लिए सरकार ने 578.42 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी की है. बता दें कि लॉकडाउन की वजह से कई किसान मार्च में हुई फसल क्षति का आवेदन करने से वंचित रह गए हैं. ऐसे में सरकार ने ऑनलाइन आवेदन की तारीख बढ़ा दी है.
मई में आवेदन कर सकते हैं किसान
लॉकडाउन की वजह से किसान कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत मिलने वाले फसल क्षति के भुगतान के लिए आवेदन नहीं कर पाए थे. ऐसे में सरकार ने ऑनलाइन आवेदन की तारीख 4 से 11 मई तक बढ़ा दी है. अब किसान 11 मई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
फरवरी-मार्च में हुए नुकसान का भुगतान
जिला पदाधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में 4-6 मार्च और 13-15 मार्च को 23 जिलों के 196 प्रखंडों में मौसम की वजह से 3,84,016.71 हेक्टेयर में लगी फसल की काफी हानि हुई है. ऐसे में 1,13,017 आवेदकों का आवेदन स्वीकृत किया गया है. इन किसानों को कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत भुगतान देने के लिए सरकार राशि भेज रही है. इसी तरह राज्य के 11 जिलों में 23 से 26 फरवरी के बीच मौसम की वजह से कई किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं. इनकी पूर्ति के लिए सरकार ने 60 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है. इसके अलावा अप्रैल में जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उनके लिए कृषि इनपुट अनुदान देने पर सरकार जल्द ही फैसला लेगी.
इतने हेक्टेयर में हुए नुकसान का मिलेगा भुगतान
अगर किसानों की फसल किसी आपदा के कारण लगभग 33 प्रतिशत से ज्यादा बर्बाद हुई है, तो इस स्थिति में किसानों को फसल नुकसानी का भुगतान दिया जाएगा. बता दें कि असिंचित क्षेत्र के लिए 6,800 रुपए और सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रुपए का अनुदान दिया जाएगा. कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए राशि दी जाती है.
आवेदन करने की प्रक्रिया
अगर किसान खुद से आवेदन करता है, तो वह https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर कर सकता है. इसके अलावा किसान ई-किसान भवन में जाकर भी आवेदन कर सकता है, जहां एकदम मुफ़्त आवेदन कर सकेंगे. बता दें कि किसान कॉमन सर्विस सेंटर और वसुधा केंद्र से भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन यहां 10 रुपए का भुगतान देना होगा. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कृषि विभाग से पंजीकृत होना जरूरी है. अगर कोई किसान कृषि विभाग से पंजीकृत नहीं हैं, वह पंजीकरण कराने के बाद ही आवेदन करे.
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