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Updated on: 11 February, 2021 3:12 PM IST
किसानों का आंदोलन

शांति के साथ चल रहा किसानों का आंदोलन अब करवटे बदलने लगा है. एक तरफ जहां सरकार किसानों के साथ लगातार संयम बरत रही है, वहीं आंदोलनकारी किसान अब विरोध के वैकल्पिक रास्तों को खोजने लगे हैं. दरअसल दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब चक्का जाम के बाद रेल रोकने का फैसला किया है. विरोध को तेज करते हुए तय योजना के मुताबिक 18 फरवरी को चार घंटे के लिए राष्ट्रव्यापी स्तर पर ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जाएगा.

12 फरवरी को टोल का विरोध

इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि हम किसी भी हाल में राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं होने देंगे और तीन कृषि कानूनों के निरस्त होने तक अलग-अलग तरीकों से आंदोलन करते रहेंगें.

इस दिन रोकेंगे रेल

किसानों ने 18 फरवरी के दिन दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोकने का ऐलान किया है, जिसके बाद से रेलवे की परेशानियां बढ़ गई है. इस बारे में भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों का बस इतना कहना है कि हर हाल में नए कृषि कानून रद्द हो.

किसान आंदोलन में अन्य आयोजन

वहीं दूसरी तरफ आंदोलनकारी किसानों ने यह भी कहा है कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की याद में कैंडल मार्च निकालेंगें और सरकार से सवाल करेंगे कि आखिर इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई हुई है. 14 फरवरी की शाम को मोमबत्ती मार्च निकालते हुए किसान ‘जय जवान जय किसान’ का संदेश भी देंगें. इसके अलावा किसान ‘माशाल जुलूस’ और अन्य कार्यक्रम आयोजित कर सैनिकों के बलिदान को याद करेंगें और 16 फरवरी के दिन छोटूराम जयंती पर एकजुटता दिखाएंगे.

English Summary: farmers announced Rail Roko Andolan across the country on Feb 18
Published on: 11 February 2021, 03:17 PM IST

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