बढ़ती महंगाई के कारण कई लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरी के लिए भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पशुपालक भाइयों को अपने पशुओं के स्वास्थ्य व उनकी देखरेख कैसे करें. पशुपालकों की इस परेशानी को देखते हुए. गुजरात सरकार ने हाल ही में किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू किया.
जिसमें वह कम ब्याज दर पर आसानी से लोन ले सकते हैं. लेकिन अब गुजरात सरकार ने यह ऐलान किया है कि राज्य के पशुपालक व मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड पर बिना ब्याज के ऋण प्राप्त कर सकते हैं.
आपको बता दें कि गुरुवार को पेश किए गए 2022-23 के बजट में केसीसी ऋण पर मछुआरों-पशुपालकों को 4 प्रतिशत तक ब्याज पर राहत देने की घोषणा की है.
केसीसी पर छूट देने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बना (Gujarat becomes the first state in the country to give exemption on KCC)
केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने इस विषय में कहा की पशुपालकों के लिए ऐसे करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है. जिसमें सभी पशुपालकों को केसीसी पर लगभग 4 प्रतिशत तक छूट देकर शून्य ब्याज पर ऋण देने की घोषणा की.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केसीसी में माध्यम से किसानों को लगभग 3 लाख रुपए तक की धनराशि दी जाती है. इस पर लगने वाले करीब 7 प्रतिशत ब्याज में से 3 प्रतिशत ब्याज केंद्र सरकार को और 4 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है.
लेकिन अब राज्य सरकार ने 4 प्रतिशत ब्याज दर पर भी पशुपालकों को छूट देने की घोषणा की. इसे मछुआरों, पशुपालकों की आजीविका को बेहतर होगी और साथ ही उनकी आय भी दुगनी होगी. इस योजना को बढ़ावा देने के लिए बैंक भी राज्य सरकार की मदद कर रहे है. जिससे लोग इसके प्रति जागरूक हो सके.
वहीं, राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री राघव पटेल की उपस्थिति में मंत्री रूपाला यह भी बताते है कि, राज्य सरकार ने बीते पिछले कुछ सालों में 16.50 लाख करोड़ रुपए की धन राशि केसीसी के तहत सभी किसान भाइयों को दिया हैं.
इसके अलावा सरकार ने पिछले साल 2021 में किसानों व पशुपालकों को केसीसी के तहत ऋण देने की भी घोषणा की है. इसके लिए सरकार ने एक एसओपी भी बनाई. जिससे इस योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिल सके.
सागर परिक्रमा पर निकलें रुपाला
मछुआरों व पशुपालकों से सीधे संपर्क करने के लिए केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला शनिवार से सागर परिक्रमा पर निकल रहे है. जिससे पशुपालकों व मछुआरों की समस्या को पहचानकर उनका हल निकाला जाए.
यह सागर परिक्रमा राज्य में मत्स्य संपदा को बेहतर करने, राज्य में व्यापार बढ़ाने के लिए पशुपालन डेयरी, मंत्रालय व विभाग, कोस्टगार्ड, फिशरीज सर्वे ऑफ इंडिया, गुजरात मेरीटाइम बोर्ड और मछुआरा प्रतिनिधियों के सहयोग से आयोजित की गई है.