यूं तो पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बेशुमार ऐसे मसले हैं, जिन्हें लेकर चर्चा अपने परवान पर है, लेकिन चर्चाओं की इस कश्मकश के बीच किसानों को लेकर चर्चाओं का बाजार कुछ खासा ही गुलजार है. वैसे भी किसानों का मसला हमेशा से ही हिंदुस्तान की सियासत में सुर्खियों में रहा है. वो भी ऐसे समय में जब चुनाव हो तो किसानों को लेकर बहस होना तो स्वाभाविक ही है. इसी कड़ी में हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में किसानों से जुड़े उन सभी मसलों के बारे में जिक्र करने जा रहे हैं, जो पश्चिम बंगाल के हर एक सियासतदान के सियासी भविष्य को तय करने में अहम भूमिका अदा करेगी.
वैसे तो पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन इन चुनावी राज्यों में बंगाल कुछ खासा ही सुर्खियां बटोर रहा है. एक ओर जहां बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी किसानों की बदहाली को मुद्दा बनाकर ममता बनर्जी को घेरने का काम कर रही है, तो वहीं ममता बनर्जी बीजेपी की उन सभी योजनाओं की विफलताओं को हर चुनाव प्रचार में रेखांकित कर रही है, जो किसानों के हित के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अफसोस वे अपने उद्देश्य में मुकम्मल होने में सफल नहीं हो पाई.