कृषि कानून पर विरोध प्रदर्शन के बाद लखीमपुर खीरी की हालात बद से बत्तर होती गई है. दरअसल, रविवार को जमकर हिंसा और अगजनी के दौरान 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गयी और कई लोग इसके केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष उर्फ़ मोनू पर सभी मौतों का आरोप लगाया है.
किसानों के मुताबिक विरोध प्रदर्शन के दौरान मोनू और उसके समर्थकों ने किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दी. जिसके बाद मौके पर ही 4 किसानों को अपनी जान से हाथ धोनी पड़ी. बात को तुरंत रोकने और जनता के बीच इसको लेकर और बवाल ना हो इसके लिए यूपी सरकार ने तुरंत मामले की जांच का आदेश देते हुए 4 किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपए आर्थिक मदद का ऐलान किया है. साथ ही मृतक परिवारों के एक सदस्य नौकरी और मामले की आठ दिन के भीतर जांच कर आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी, इसका भी भरोसा दिलाया है.
हालाँकि, अब देखना ये है कि क्या सच में किसानों को इन्साफ मिल पाएगा या मुआवजे की आड़ में इसे भी दबा दिया जाएगा.
प्रशासन से हुई लापरवाही के बाद ADJ LAW AND ORDER प्रशांत कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और किसान बीमा से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा, घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. किसानों के बयान पर मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों पर मुकदमा की जाएगी और जल्द से जल्द किसानों को इन्साफ भी दिलाया जाएगा.
इसके अलावा, पूरे मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच भी की जाएगी. अब देखना यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में कितना समय सरकार लगाती है. क्या समय रहते अन्नदाताओं को इन्साफ मिलेगा या यह भी कोई राजनितिक दांव-पेंच में फस कर रह जाएगी.
घटना के बाद उसकी गंभीरता और गांव वालों की मनोदशा को समझते हुए प्रशांत कुमार ने कहा है कि जिले में धारा 144 की वजह से किसी भी नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के सदस्यों और किसान नेताओं के आने जाने पर कोई रोक नहीं है. लेकिन किसी भी नेता को गांव में घुसने की अनुमति नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ किसानों के आरोप को पूरी तरह से खंडित करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा उन्हें और उनके बेटे को इस आरोप में फ़साया जा रहा है. गृह राज्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठी और तलवारों से हमला किया गया. इतना ही नहीं, वीडियो में हमलावार कार्यकर्ताओं को यह भी कहते दिख रहें है कि वे मेरा नाम लें कि मैंने ही किसानों को कुचलने के लिए कहा था. मेरे बेटे के खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार है. अगर वह मौके पर होता, तो उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई होती.