आपने अभी तक सिर्फ किसानों के खेतों में सोयाबीन की फसल (Soybean Crop) को देखा होगा, लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल में एक किसान ने सोयाबीन की अनोखी खेती (Soybean cultivation) की है. दरअसल, किसान ने डिवाइडर के बीच में सोयाबीन की खेती (Soybean cultivation between dividers) की है. यह डिवाइडर औबेदुल्लागंज तक निर्माणाधीन फोरलेन पर 2 मीटर चौड़ी रोड के बीच में है. इस डिवाइडर के बीच किसान ने लगभग 150 मीटर तक सोयाबीन लगाया है. सड़क में खेती करने का यह एक अनोखा मामला है, जो कि देश में शायद पहली बार सामने आया है. ऐसा नहीं है कि किसान के पास अपनी जमीन नहीं है. किसान के पास फोरलेन से लगा 5 एकड़ का खेत है, लेकिन किसान ने नवाचार का प्रयोग करने के लिए डिवाइडर के बीच खाली जमीन पर सोयाबीन की बुवाई की है.
3 फीट तक बढ़ गए पौधे
फोरलेन पर डिवाइडर के बीच लगे सोयाबीन के पौधों का विकास काफी तेजी से हो रहा है. अभी पौधे लगभग 3 फीट तक बढ़ गए हैं. खबरों की मानें, तो ग्राम उड़दन के किसान रूसी लाल यादव ने डिवाइडर के बीच में सोयाबीन लगाया है. इसको नवाचार के उद्देश्य से लगाया गया है. फिलहाल अभी तक इसकी जानकारी एनएचएआई को नहीं है और न ही किसी ने खेती को लेकर आपत्ति नहीं जताई है. मगर खेती करने का यह तरीका लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है.
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डिवाइडर में लहलहा रही सोयाबीन की फसल
जानकारी के लिए बता दें कि यह फोरलेन डिवाइडर बैतूल से नागपुर के बीच है. यहां केवल फूलों के पौधे लगाने की अनुमति है, ताकि पौधों की जड़ों से रोड को कोई नुकसान न हो. मगर ऐसी खेती करने का तरीका पहली बार देखा गया है कि फोरलेन के बीच डिवाइडर में सोयाबीन की फसल लहलहा रही है. यह देखने में बहुत खूबसूरत लग रहा है. देश के किसान सोयाबीन की खेती अधिक हल्की रेतीली और हल्की भूमि को छोड्कर सभी तरह की भूमि में करते हैं, लेकिन इसकी खती के लिए जल निकास वाली चिकनी दोमट भूमि अधिक उपयुक्त होती है. ऐसे में सड़क के बीच सोयाबीन की खेती करना एक मिसाल कयाम करने की तरह है.
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