लॉकडाउन लागू होने के बाद से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से जुड़े मुद्दों पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं. इसी तारतम्य में वे इस परेशानी से भी वाकिफ हुए कि फसलों की कटाई में किसानों को दिकक्त आ सकती है, साथ ही मंडियों तक इन्हें पहुंचाने के लिए भी किसानों को सहूलियत होना चाहिए. इस संबंध में किसानों के साथ ही उनके कुछ संगठनों की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार, केंद्र सरकार ने गंभीरता से और सहानुभूतिपूर्वक तत्काल विचार किया, जिसके बाद किसानों एवं संबंधित लोगों के हित में व्यवहारिक निर्णय ले लिया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बारे में 24 और 25 मार्च 2020 को जारी आदेश संख्या 40-3/2020-DM-l(A) के परिप्रेक्ष्य में नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अनुच्छेद 10(2)(l) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार दिशा-निर्देशों के सम्बंध में अब द्वितीय परिशिष्ट जारी कर दिया गया है. इस परिशिष्ट में 21 दिनों के लॉकडाउन के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कृषि व सम्बंधित वस्तुओं, सेवाओं और क्रियाकलापों को आवश्यक छूट देते हुए अतिरिक्त श्रेणियों में रखा गया है. इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी. इसके लिए केंद्रीय मंत्री तोमर ने प्रधानमंत्री मोदी व गृह मंत्री शाह का आभार व्यक्त किया है.
गृह मंत्रालय के द्वितीय परिशिष्ट के अनुसार: 1. कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, 2. कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों, 3. उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और 4. उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्य आवाजाही को भी छूट दी गई है.
यह निर्णय कृषि से संबंधित कार्यों के, बिना किसी व्यवधान के समय पर होने के संबंध में लिए गए हैं, जिससे कि इस विकट समय में लॉकडाउन के दौरान भी देश की जनता को खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा सके और किसानों व आम जनता को कोई परेशानी नहीं आएं. इस आदेश के सख्ती से पालन के लिए भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों, विभागों, राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.