Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 11 November, 2021 5:24 PM IST
Parliament

किसान आंदोलन की बात करें, तो ये लगभग एक साल होने वाला है. अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे किसानों ने अब तक हार नहीं मानी है. कहते हैं समय के साथ हर चीज़ बदल जाता है.

लेकिन किसान और सरकार के बीच का तनाव समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है. आपको बता दें कि नवम्बर के महीने में सरकार ने कृषि व्यवस्था में बदलाव करते हुए तीन नए कृषि कानूनों को राज्य और लोकसभा से पारित किया था. जिसके बाद नए कृषि कानून बिल (Agriculture Farmers Bill Protest) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे दिया.

इसी माह 26 नवंबर को किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को एक साल पूरा हो जाएगा. आंदोलन को सालभर होने जा रहा है, जिसको लेकर किसान संगठनों ने अपनी और से पूरी तैयारी कर ली है. आंदोलन का नेतृत्‍व कर रहे संयुक्‍त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने इस दिन देशव्‍यापी आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है, जिसके तहत सभी किसानों से 26 नवंबर को दिल्ली मोर्चे पर आंदोलन के एक वर्ष पूरे होने पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होने और दूर के राज्यों में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने को कहा गया है.

किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने बताया कि सिंघु मोर्चे पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 26 नवंबर को और उसके बाद दिल्ली मोर्चों पर और पूरे देश में किसान संघर्ष के एक साल पूरे होने को व्यापक रूप से मनाने का फैसला किया गया है. उन्‍होंने कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस भी है, जब भारत का संविधान 1949 में संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था. यह दिन भारत और भारत के लोगों के लिए बहुत ख़ास है. संविधान में लोगों के हक़ और उनकी ज़िम्मेदारी की बात लिखी गयी है. ऐसे में हम उस दिन अपने हक़ के लिए एक साथ होकर बुलंदी से आवाज उठाएंगे.

26 नवंबर को पिछले साल मजदूर वर्ग द्वारा आयोजित अखिल भारतीय हड़ताल का एक वर्ष भी है. 26 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से दिल्ली के सभी मोर्चों पर भारी भीड़ जुटेगी. एसकेएम के सभी किसान संगठन इस मौके पर किसानों को पूरी ताकत से लामंबद करेंगे. उस दिन वहां विशाल जनसभाएं होंगी. इस संघर्ष में अब तक 650 से अधिक शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.

किसान आंदोलन के वर्षगांठ पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि एसकेएम ने दिल्ली की सीमाओं पर इस संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाते हुए 26 नवंबर को राज्यों की राजधानियों में बड़े पैमाने पर महापंचायतों का आह्वान किया है. ये 26 नवंबर को भारत के सभी राज्यों की राजधानियों में किसानों, श्रमिकों, कर्मचारियों, खेतिहर मजदूरों, महिलाओं, युवाओं और छात्रों की व्यापक भागीदारी के साथ आयोजित किए जा सकते हैं, सिवाय उन राज्यों को छोड़कर जो दिल्ली की सीमाओं पर लामबंद होंगे.

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन में शामिल तीन महिला प्रदर्शनकारियों को डंपर ने कुचला, जानिए पूरा मामला

शुरू होने वाला है संसद का शीतकालीन सत्र

संसद के शीतकालीन सत्र की बात करें तो यह 29 नवंबर को शुरू होगा. जिसको लेकर एसकेएम ने निर्णय लिया कि 29  नवंबर से संसद के इस सत्र के अंत तक 500 चयनित किसान, राष्ट्रीय राजधानी में विरोध करने के अपने अधिकारों स्थापित करने के लिए, ट्रैक्टर ट्रॉलियों में हर दिन शांतिपूर्ण और पूरे अनुशासन के साथ संसद जाएंगे

ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाया जा सके और मांगों को मानने के लिए मजबूर करने के लिए, जिसके लिए देश भर के किसानों ने एक साल से ऐतिहासिक संघर्ष किया है.

English Summary: Every day 500 farmers will go to Parliament by tractor, the movement will run peacefully
Published on: 11 November 2021, 05:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now