किसानों और ग्रामीणों के विकास और रोजगार के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है. दरअसल, हिमाचल और हरियाणा सरकार (Himachal and Haryana Government) ने सरस्वती नदी के पुनरुद्धार (Revival of Saraswati River) के तहत यमुनानगर के आदि बद्री क्षेत्र (Adi Badri area of Yamunanagar) के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. बता दें कि इस क्षेत्र के पास हिमाचल में 77 एकड़ पर एक बांध के निर्माण के लिए यह कदम उठाया गया है. इस परियोजना पर 215.35 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है.
सरस्वती नदी होगी पुनर्जीवित (Saraswati river will be revived)
पंचकूला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मनोहर लाल खट्टर Chief Minister Jai Ram Thakur and Manohar Lal Khattar) की उपस्थिति में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. ठाकुर ने कहा कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के सपने को पूरा करने का मार्ग होगा.
ग्रामीणों और किसानों के लिए पानी की होगी पूर्ति (Water will be supplied for villagers and farmers)
उन्होंने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के लिए उपयोगी होगी, क्योंकि राज्य के पीने के लिए 3.92 हेक्टेयर मीटर प्रति वर्ष और परियोजना प्रभावित बस्तियों में 57.96 हेक्टेयर सिंचाई के लिए पानी निर्धारित किया जाएगा.
जल संरक्षण का है लक्ष्य (The goal of water conservation)
इस कदम के तहत बांध का उपयोग ना केवल मुख्य रूप से सरस्वती नदी की वापसी के लिए बल्कि क्षेत्र में जल संरक्षण (Water Conservation) के लिए भी किया जाएगा. बता दें कि हरियाणा सरकार इस परियोजना के लिए धन की व्यवस्था करेगी.
लोगों के कल्याण के साथ बढ़ेगा पर्यटन (Tourism will increase with the welfare of the people)
ठाकुर ने कहा कि दोनों सरकारें बांध परियोजना (Dam Project) के प्राथमिक उद्देश्यों से समझौता किए बिना अपने स्वयं के संसाधनों से पर्यटन परियोजनाओं को बढ़ावा देगी. और इसके साथ-साथ स्थानीय लोगों के कल्याण और विकास के लिए आवश्यक कोई भी अन्य बुनियादी सुविधा तैयार करने के लिए स्वतंत्र होंगी.
उन्होंने कहा कि विस्थापित होने वाले हिमाचल के 21 परिवारों का समुचित पुनर्वास किया जाएगा. इसके अलावा, हरियाणा सरकार विस्थापितों के पुनर्वास पैकेज (Displaced Rehabilitation Package) और पर्यावरण संरक्षण पैकेज (Environmental Protection Package) लागत का वहन करेगी.
बुनियादी ढांचा होगा तैयार (Infrastructure will be ready)
खास बात यह है कि बांध को हिमाचल की सोम नदी से 224 हेक्टेयर मीटर पानी मिलेगा, जो यमुनानगर जिले में आदि बद्री के पास यमुना में गिरती है. उन्होंने कहा कि एचपीपीसीएल (HPPCL) आदि बद्री बांध और उससे संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए कार्यकारी एजेंसी होगी.
ग्राउंड वॉटर होगा रिचार्ज (Ground water will be recharged)
खट्टर ने कहा कि बांध के बनने से Saraswati Nadi साल भर 20 क्यूसेक पानी के साथ बहेगी. उन्होंने कहा कि घग्गर नदी के प्रवाह को सरस्वती नदी का मार्ग कहा जाता है.
यह परियोजना हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के संयुक्त प्रयासों से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेगी. साथ ही खट्टर ने कहा कि परियोजना के पूरा होने पर पर्यटन के रास्ते खुलेंगे और भूजल का पुनर्भरण भी होगा.