अमूल जल्द लॉन्‍च करने जा रहा है 'सुपर म‍िल्‍क', एक गिलास दूध में मिलेगा 35 ग्राम प्रोटीन पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारी, जानें कब, कैसे और किस प्रक्रिया का करें इस्तेमाल 150 रुपये लीटर बिकता है इस गाय का दूध, जानें इसकी पहचान और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 12 January, 2023 6:50 PM IST
एंटीबायोटिक और इंजेक्शन की सच्चाई

अगर आप प्रतिदिन अंडा-चिकन का सेवन करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. बता दें कि देश में दिन पर दिन अंडे और चिकन की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. देखा जाए तो इसका बिजनेस किसान भाइयों के लिए सबसे अच्छा मुनाफा का बिजनेस साबित हो रहा है. इस व्यवसाय के लिए सरकार की तरफ से भी अनुदान दिया जाता है. जितनी तेजी से बाजार में इनकी मांग बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से व्यापारी इन्हें मैच्योर बनाने, वजन व आकार को बढ़ाने के लिए कई तरह के एंटीबायोटिक इंजेक्शन (antibiotic injection) दे रहे हैं. लेकिन क्या आप इन एंटीबायोटिक के पीछे की वजह जानते हैं...

मुर्गियों के तेजी से वृद्धि कराने के लिए पोल्ट्री फीड फेडरेशन ऑफ इंडिया (Poultry Feed Federation of India) का कहना है कि आज-कल सोशल मीडिया (social media) पर तेजी से कई तरह की खबरें वायरल हो रही हैं. जिसमें बताया जाता है कि मुर्गियों को दवाई के माध्यम से इनका ब्रायलर चिकन बढ़ाया जाता है या फिर मुर्गियों को कम समय में अधिक से अधिक अंडे देने के लिए तैयार किया जाता है. लेकिन देखा जाए तो यह सरासर झूठ है. ऐसा कुछ नहीं किया जाता है.

जानें क्यों किया जाता है एंटीबायोटिक और इंजेक्शन

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि असल में मुर्गियों पर एंटीबायोटिक और इंजेक्शन का इस्तेमाल उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही किया जाता है. क्योंकि इनपर बर्ड फ्लू और वातावरण के तमाम बैक्टीरियल वाली बीमारियां मौजूद होती हैं. इसके बचाव के लिए ही इन्हें एंटीबायोटिक और इंजेक्शन समय-समय पर लगाए जाते हैं. इतना ही नहीं मुर्गियों को शाकाहरी पोल्ट्री फीड भी दिया जाता है. जिसके चलते इनके अंडे व चिकन में किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं होती है. इन्हें खाने वाले लोगों पर इसका कोई गलत असर भी नहीं होती है. बल्कि वह लंबे समय तक सेहतमंद रहते हैं.

ये भी पढे़ंः बकरी पालन में लागत से लेकर मुनाफा तक की सम्पूर्ण जानकारी

मुर्गियों को गलत दवा खिलाना है गैरकानूनी

मुर्गियों को दवा खिलाने के संदर्भ में सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अशोक कुमार तिवारी का कहना है कि अगर कोई लाभ कमाने के लिए मुर्गियों को गलत दवाइयां खिलाते पाए जाते हैं, तो उनके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाती है. क्योंकि दवाओं के चलते उनके वजन और अंडे का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसी भी तरह के एंटीबायोटिक या इंजेक्शन का देना प्रतिबंधित है. इसके बावजूद भी कुछ लोग चोरी छुपे मुर्गियों को गलत तरीके की दवा खिलाते हैं. 

English Summary: Egg Consumption What is the whole truth behind the use of antibiotics and injections in chickens
Published on: 12 January 2023, 06:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now