Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 13 December, 2018 12:35 PM IST
Egg Business

उत्तर प्रदेश सरकार ने 'कुटकुट विकास नीति' के तहत लेयर फार्मिंग की नई योजना चालू की है. 'कुटकुट विकास नीति' के तहत 10,000 और 30,000 पक्षी क्षमता वाले कॉमर्शियल लेयर्स की स्थापना की जानी है. 30,000  क्षमता वाले यूनिट की लागत 1.80 करोड़ रूपये होगी. इसके लिए पांच साल तक 10 फीसद ब्याज पशुपालन विभाग देगा.

इस यूनिट की स्थापना करने के लिए पशुपालक के पास तीन एकड़ जमीन होनी जरूरी है. इसके लिए पूरे धन का 30 फीसद भाग पशुपालक को लगाना होगा. इस तरह से पशुपालक की साल की कमाई लगभग 32 लाख तक हो जाएगी. इसी प्रकार 10,000 पक्षियों वाले यूनिट की स्थापना के लिए 70 लाख रूपये की लागत आएगी. इसके लिए भी 30 फीसद भाग लाभार्थी को ही लगाना होगा. 

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. टी.के. तिवारी ने कहा की यदि कोई व्यक्ति इस व्यवसाय के लिए एक एकड़ जमीन ख़रीदता है तो उसे स्टेप ड्यूटी नहीं देना होगा. इसके अलावा धारक को मुर्गी पालन सामग्री पर प्रवेश शुल्क भी नहीं देना होगा. 

कुटकुट पालन करने वाले पशुपालक (Poultry Farmers)

आगे आने वाले वर्षो में संभावना है की सरकार कुटकुट पालन करने वाले पशुपालको के बिजली बिल में से चार सौ रूपये का भुगतान करेगी. इस योजना के तहत अन्य जिलों से भी आकर लोग लखीमपुरखीरी जिले में लेयर्स फार्म स्थापित कर सकते हैं. योजना के तहत मिलने वाले सभी जिलो को लाभ दिया जाएगा. इस योजना के तहत लाभार्थी अधिकतम दो यूनिटों को एक साथ स्थापित कर सकता है.

यह खबर भी पढ़ें : मुर्गीपालन : खुद बनाएं अंडे से चूजे निकालने की मशीन, ये है आसान तरीका

लखीमपुर जिले में प्रतिदिन लगभग 3.5 लाख अंडे कि खपत है लेकिन जिले में अंडे का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 40-50 हजार ही है. सरकार की मंशा है की जिले में अंडे का उत्पादन बढ़े जिससे लोगों को कुपोषण एवं भूख से निजात मिले. इसके लिए अंडा सस्ता एवं बेहतर विकल्प हो सकता है. जिले को अंडे के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पशुपालन विभाग ये कदम उठा रहा है.

English Summary: Egg Business Opens Animal Husbandry Fate
Published on: 13 December 2018, 12:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now