खेतीबाड़ी से जुड़े कई किसान मधुमक्खी पालन व्यवसाय कर रहे हैं. इस व्यवसाय को अपनाकर लाखों की कमाई की जाती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में मधुमक्खी पालक मधुमक्खियों का पालन करते हैं. यूपी में लगभग 15 से 20 हजार मधुमक्खी पालक हैं. इसके अलावा अन्य राज्यों में भी हजारों की संख्या में मधुमक्खी पालक मधुमक्खियां पालते हैं. मगर इस समय मधुमक्खी पालक पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से देश के कई हिस्सों में मधुमक्खी पालक फंस गए हैं. इस कारण मधुमक्खियां की हालत गर्मी और भूख की वजह से खराब हो रही है. ऐसे में मधुमक्खी पालक को कुछ खास उपाय अपनाकर मधुमक्खियों का बचाव करना ज़रूरी है.
मधुमक्खी पालन करने वाले विशेषज्ञों की सलाह...
लॉकडाउन की वजह से मधुमक्खियों के बॉक्स को कहीं ले नहीं जा सकते हैं. ऐसे में जहां मधुमक्खी पालक हैं, वहीं मधुमक्खियों को बचाव करना होगा. इसके लिए सबसे पहले मधुमक्खियों के बॉक्स को आस-पास के बागीचे में ले जाकर रख दें. अगर बगीचा नहीं मिलता है, तो मधुमक्खियों के बॉक्स के ऊपर कुछ पुआल रख दें, ताकि उन पर सीधी धूप न पड़ पाए.आपको बता दें कि सर्दियों के मौसम में मधुमक्खी पालक अपनी मधुमक्खियों को मैदानी क्षेत्रों में ले जाते हैं. यहां मधुमक्खियां सरसों और धनिया जैसी फसलों के परागण से शहद बनाती हैं. जब इन फसलों की कटाई हो जाती है, तो मधुमक्खियों को लीची और सेब के बागों में ले जाते हैं. मगर देश में लॉकडाउन लगने की वजह से मधुमक्खियां खाली मैदानों में रह गईं हैं. इस वजह से उनके खान-पान की सुविधा नहीं हो पा रही है.
इस तरह मधुमक्खियों की भूख मिटाएं
मधुमक्खियों को हर दूसरे-तीसरे दिन चीनी का घोल देते रहें. इसके साथ ही ध्यान दें कि उसमें फीड की कमी न हो. इस स्थिति में मधुमक्खियों को शहद नहीं मिल रहा हो, तो मधुमक्खी पालक पहले से रखा हुआ शहद मधुमक्खियों को देते रहें. इस तरह आसानी से 10 से 15 दिन कट जाएंगे.जानकारी के लिए बता दें कि मोदी सरकार लगातार शहद उत्पादन पर जोर दे रही है. मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने हनी मिशन की भी शुरुआत की है. हमारे देश के शहद की मांग दुनियाभर में बढ़ गई है, लेकिन इस समय मधुमक्खी पालक काफी परेशान हैं.