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Updated on: 27 August, 2020 2:18 PM IST

जम्मू-कश्मीर के कृषि विभाग ने जीआई-टैग (GeographicaI Index जिसे GI Tag भी कहा जाता है) मिलने वाले 'कश्मीरी केसर' (Kashmiri Saffron) के व्यापार को भविष्य में आगे बढ़ावा देने के लिए एक ई-नीलामी (E-Auction) यानी कि ऑनलाइन नीलामी पोर्टल तैयार किया है. जिसका मुख्य उद्देश्य खरीदारों को गुणवत्तायुक्त कश्मीरी केसर (High Quality Kashmiri Saffron) तक पहुंच बनाने का आश्वासन देना है. भारत अंतर्राष्ट्रीय कश्मीर केसर ट्रेडिंग सेंटर (India International Kashmir Saffron Trading Centre जिसे IIKSTC भी कहा जाता है) तत्वावधान में कृषि विभाग (Agriculture Department) ने एनएसई-आईटी के साथ मिलकर यह पोर्टल (Portal) बनाया है.

ऐसे करें खुद को पंजीकृत (How to register yourself)

कश्मीर घाटी के केसर उत्पादकों (Saffron Producer) और भारत भर के खरीदारों (Indian Customers) से इस ऑफिशियल वेबसाइट द्वारा www.saffroneauctionindia.com ई-ट्रेडिंग के लिए खुद को विक्रेता और खरीदार के रूप में पंजीकृत (Register) करने का अनुरोध किया गया है, ताकि पंजीकृत उत्पादकों और खरीदारों के बीच परेशानी मुक्त ई-ट्रेडिंग (E-Trading) सुनिश्चित हो सके.

कश्मीरी केसर की है खास मांग

गौरतलब है कि कश्मीरी केसर की मांग भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में भी खूब है. बदहजमी, पेट-दर्द व पेट में मरोड़ आदि बीमारियों के उपचार में इसका प्रयोग होता है. वहीं हाजमे से संबंधित तरह-तरह की दवाईयों में भी इसका उपयोग किया जाता है.

बंपर पैदावार की उम्मीद

केसर की खेती को नेशनल मिशन ऑन सैफरॉन (NMS) के अंतर्गत लाने के बाद से उम्मीद है कि इस बार पंपोर में बंपर उत्पादन होगा. गौरलतब है कि एनएमएस के तहत, मोदी सरकार ने 411 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट चलाया है. इसी प्रोजेक्ट के तहत केसर के लिए 3,715 हेक्टेयर क्षेत्र का कायाकल्प किया जाना प्रस्तावित है.

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English Summary: E-Auction Saffron : Now agriculture department will conduct e-auction of saffron of Jammu and Kashmir
Published on: 27 August 2020, 02:22 PM IST

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