केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी गुजरात राज्य के दौरे पर हैं. गुरुवार रात को अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी का स्थानीय मारवाड़ी राजस्थानी प्रवासी बंधुओं, कृषि मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत एवं अभिनंदन किया.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रवासी राजस्थानी बंधुओं से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनने के साथ ही कृषि मंत्रालय से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों में भी शिरकत की. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने इस दौरान एकता नगर, केवड़िया में नर्मदा नदी के तट पर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दर्शन किए तथा सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित किए.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आजादी के बाद 'एक भारत- श्रेष्ठ भारत' ('One India Excellent India') के निर्माण में सरदार पटेल का योगदान अविस्मरणीय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशाल प्रतिमा को राष्ट्र को समर्पित कर सरदार पटेल के विशाल और विराट रूप को दर्शाया है. यह स्थान न केवल भारत के लिए, अपितु पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है. इस दौरान कैलाश चौधरी ने नर्मदा नदी पर स्थित विश्व के दूसरे सबसे बड़े गुरुत्व बांध सरदार सरोवर का भ्रमण किया और बांध की जल ग्रहण क्षमता व विद्युत उत्पादकता की जानकारी ली. इसके बाद कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी नर्मदा, गुजरात में "विश्व मधुमक्खी दिवस" के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर के समारोह में सम्मिलित हुए. कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं कृषि मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे.
मीठी क्रांति लाने की दिशा में काम कर रही है केंद्र सरकार
मधुमक्खी बोर्ड के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि छोटे किसानों को सशक्त करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है, जिसे हासिल करने में मधुमक्खी पालन जैसे कृषि के सह-कार्यों का काफी योगदान हो सकेगा.
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भारत की लगभग 55 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है, जिनकी प्रगति से ही हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बन सकेगा. कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देश में मीठी क्रांति लाने के लिए सरकार बहुत गंभीरता से काम कर रही है. केंद्र सरकार ने देश में विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं स्थापित की है.
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व शहद मिशन नामक केंद्रीय वित्त पोषित योजना द्वारा 5 बड़ी क्षेत्रीय एवं 100 छोटी शहद तथा अन्य मधुमक्खी उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य है, जिनमें से 3 विश्वस्तरीय अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं खोली जा चुकी हैं, वहीं मंजूर 25 छोटी प्रयोगशालाएं स्थापना प्रक्रिया में हैं. साथ ही एफपीओ योजना भी मधुमक्खी पालन की दिशा में किसानों के लिए सहायक सिद्ध हो रही है.