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Updated on: 25 August, 2022 2:26 PM IST
Uttarkhand farmers

राज्य में 27 तारीख तक देहरादून और टिहरी जिलों में पर भारी वर्षा होने की संभावना है.  तो वहीं उत्तराखंड के पौड़ी, नैनीताल और चंपावत जिले में भी भारी बारिश के चेतावनी जाहिर की गई है, जिसे देखते हुए राज्य के किसानों के लिए मौसम विभाग ने चेतावनी जाहिर की है.

मौसम विभाग ने किसानों को सिंचाई से बचने की सलाह दी है. उच्च सापेक्ष आर्द्रता और तापमान के साथ किसानों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से फसलों की और कीट आबादी निगरानी करें, उर्वरकों, कीटनाशकों और शाकनाशियों स्थगित करें. कीट के गंभीर संक्रमण के मामले में, उचित स्टिकर का उपयोग करके साफ मौसम में अनुशंसित कीटनाशक का छिड़काव करें.

फसलों के लिए मौसम विभाग की सलाह

कुछ क्षेत्रों में धान की फसल में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट का संक्रमण पाया जाता है. यदि पत्तियों का सिरा सफेद हो जाता है या पत्ती के दोनों किनारे सफेद हो जाते हैं, तो इन खेतों में 500 लीटर पानी में 500 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और 15 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन का छिड़काव करना चाहिए. इन रसायनों का फिर से 7-10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए. रसायन का छिड़काव साफ मौसम में करना चाहिए.

आने वाले दिनों में मौसम की भविष्यवाणी और चेतावनी को ध्यान में रखते हुए, किसानों को सलाह दी जाती है कि मक्का की फसल की सिंचाई न करें और खेत में उचित जल निकासी बनाए रखें.

गन्ना

गन्ने की फसल में सिंचाई से बचें और खेत में जल निकासी का भी उचित प्रबंध करें. उच्च सापेक्ष आर्द्रता, उच्च वर्षा और उच्च तापमान के साथ प्रचलित और प्रत्याशित मौसम गन्ने की फसल में रेड रोट रोग का कारण हो सकता है. इसलिए, किसानों को एहतियाती उपाय करने की सलाह दी जाती है.

सब्जी

खीरे की फसल में पत्तियों पर पीले-भूरे रंग के धब्बे होने पर 2.5 ग्राम/लीटर पानी की दर से मैनकोजेब को घोल का छिड़काव करना चाहिए. मटर के लिए बुवाई का काम टाल दें. यदि पौध तैयार हैं, तो पत्ता गोभी व कोल फसलों की नर्सरी बुवाई जारी रखें. जिसके बाद रोपाई करें, फिर रोपण इष्टतम दूरी पर किया जाना चाहिए. टमाटर को परिपक्व होने पर फलों की कटाई कर लें. फल नियमित रूप से लगाएं और उन्हें मिट्टी में गाड़ दें. खट्टे, आम, अमरूद, लीची आदिजैसे सदाबहार फलदार पौधों का रोपण कर सकते हैं.

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पशुओं के लिए मौसम विभाग की सलाह

गल-घोटू रोग से पशु को बचाने के लिए उसे साफ-सुथरी जगह पर बांध दें. जब पशुओं में गल-घोटू रोग के लक्षण दिखाई दें, तो पशु चिकित्सक की सलाह से तीन दिन तक जानवरों की नसों में सुफोनामाइड्स सल्फैडीमिडेन 150एमजी/किलोग्राम डालें.

English Summary: Due to heavy rains, farmers of Uttarakhand should take care of their crops in this way
Published on: 25 August 2022, 02:32 PM IST

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