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Updated on: 29 May, 2023 5:20 PM IST
The Seventh International Conference on Vetiver (ICV-7)

थाईलैंड वेटिवर (ICV-7) पर सातवां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मना रहा है. थाईलैंड में वेटिवेरिया जिजानिओड्स नाम की वेटिवर घास की प्रजातियां काफी प्रभावी है. यह घास बहुत तेजी से बढ़ती है और मिट्टी के कटाव को रोकने, तलछट (Sediment) नियंत्रण सुनिश्चित करने और जल संरक्षण, भूमि स्थिरीकरण और पुनर्वास की क्षमता रखती है. वेटिवर सिस्टम (वीएस), जिसे मूल रूप से वेटिवर ग्रास टेक्नोलॉजी (वीजीटी) के रूप में जाना जाता है, मिट्टी और जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है.

इस कार्यक्रम के दौरान वेटिवर नेटवर्क इंटरनेशनल (टीवीएनआई) के संस्थापक डॉ. जिम स्माइल ने फर्स्ट वर्ल्ड कम्युनिटी के संस्थापक डॉ. सीके अशोक को बताया कि “हमने 1995 में शुरुआत की थी. इस आयोजन के माध्यम से जो सबसे शक्तिशाली कामों को प्रायोजित कर सकते हैं. इन लोगों को अवसरों के प्रति जागरूक कर सकते हैं.

एग्रीकल्चर वर्ल्ड के कृषि जागरण के जून संस्करण के एक विशेष संस्करण का लॉन्च करते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया के 40% किसान भारत में हैं, और उस संदेश को वहां पहुंचाना इसे दूसरे स्तर पर ले जाने जैसा है." इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत उन लोगों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है, जिनके पास कृषि के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्षमता है.

आगे उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल पर्यावरण और संरक्षण के तरीकों का उत्सव है, बल्कि उभरते हुए युवा पर्यावरणविदों के बारे में भी है, जिनके पास साझा करने के लिए एक कहानी है. "हम सम्मेलन के दौरान केवल उन लोगों को पुरस्कृत करते हैं और पहचानते हैं जिन्होंने सराहनीय कार्य किया है,"

मिली जानकारी के मुताबिक, आज के कार्यक्रम में पुरस्कार बांग्लादेश, नेपाल, थाईलैंड आदि के लोगों को दिए गए हैं. "दो दर्जन से अधिक देशों ने इस आयोजन में भाग लिया है," साथ ही  उन्होंने कहा कि पुरस्कार उन लोगों को दिए गए जिन्होंने एक वीडियो प्रस्तुत किया और ऐसे व्यक्ति जो अपने देशों में चैंपियन हैं और अपने काम से वैश्विक प्रभाव पैदा कर रहे हैं. इसके अलावा इस कार्यक्रम में अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के लोगों ने भाग लिया है.

प्रौद्योगिकी की शक्ति

प्रौद्योगिकी की क्षमता को महसूस करते हुए, जिम ने कहा कि चल रहे जलवायु परिवर्तन के बावजूद लोगों को अनुकूलन और विकसित करने के लिए लाखों एप्लिकेशन और सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. बता दें कि "यह एक सरल तकनीक है जिसे एक बार समझने के बाद आप इसे लागू कर सकते हैं.

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इसका उपयोग दूषित मिट्टी, पानी के लिए किया जा सकता है, बुनियादी ढांचे, आपदाओं, दवाओं और क्षेत्रों को स्थिर कर सकता है जो अधिक सूखा प्रतिरोधी हैं,"  उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लाखों लोगों की मांगे हैं. पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और अनुकूलन को देख रही है. इस संदर्भ पर कई पहलुओं पर कई शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं. 

English Summary: Dr. Jim Smile, founder of Vetiver Network International, said that 40% of the world's farmers are in India
Published on: 29 May 2023, 05:26 PM IST

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