ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री-परिषद की बैठक में पशुपालन और सिंचाई से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई ताकि राज्य के किसानों और पशुपालकों को बिना ब्याज के लोन की सुविधा प्राप्त होगी.
बता दें कि राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना” का नाम बदलकर “डॉ. अम्बेडकर पशुपालन विकास योजना” /Dr. Ambedkar Pashupalan Vikas Yojana कर दिया गया है. इस योजना की अवधि अब वर्ष 2025-26 तक बढ़ा दी गई है. आइए सरकार की इस योजना के बारे में अन्य जरूरी जानकारी यहां विस्तार से जानते हैं.
योजना की प्रमुख बातें:
- किसानों को शून्य ब्याज दर पर क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जाएगी.
- नस्ल सुधार हेतु भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम और बांझ निवारण शिविर आयोजित किए जाएंगे.
- मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन योजना, दुधारू गाय पुरस्कार योजना तथा दुधारू पशु प्रदाय योजना को भी वर्ष 2025-26 तक जारी रखा जाएगा.
- पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार कार्यक्रम भी संचालित होंगे.
स्वावलंबी गौशालाओं की स्थापना नीति: 2025
राज्य में निराश्रित गौवंश की समस्या को देखते हुए "स्वावलंबी गौशालाओं की स्थापना की नीति: 2025" को मंजूरी दी गई है. इसके तहत गौशालाओं को प्रति गाय 40 रुपये प्रतिदिन की दर से सहायता दी जाएगी, जो पहले 20 रुपये थी.
सिंचाई क्षेत्र को भी मिली मजबूती
मंत्री-परिषद ने मल्हारगढ़ (शिवना) दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को भी हरी झंडी दे दी है. यह परियोजना पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना का हिस्सा है.
- परियोजना की लागत: 2932.30 करोड़ रुपए
- सिंचाई क्षेत्र: 60 हजार हेक्टेयर
- लाभान्वित गांव: मल्हारगढ़ तहसील के 32 और मंदसौर तहसील के 115 गांव