Success Story: चायवाला से उद्यमी बने अजय स्वामी, मासिक आमदनी 1.5 लाख रुपये तक, पढ़ें सफलता की कहानी ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान इन बातों का रखें ध्यान, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान! ICAR ने विकसित की पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की किस्म, 100 क्विंटल तक मिलेगी पैदावार IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 8 May, 2018 12:00 AM IST
Sarpanch

गांव के विकास और उसके बेहतर रख-रखाव के लिए हर साल केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से ग्राम पंचायत को लाखों रुपए का राशी दिया जाता है. ये पैसा वहां के अलग-अलग कार्य जैसे साफ-सफाई, पानी, पेंशन, पक्के निर्माण के लिए दिया जाता है. गांव में सिंचाई की सुविधा को बेहतर करना भी प्रधान के कार्य के अंदर आता है. इसके साथ ही नालियों की उचित व्यवस्था करना भी प्रधान का काम है. 

आज देश में कुल 39 हजार ग्राम पंचायतें हैं और देश की लगभग 70 फिसदी आबादी गाँव में रहती है. और आपको बता दें की त्रीस्तरीय पंचायत व्यवस्था लागू होने के बाद लगभग हर साल ग्राम पंचायतों को लाखों रुपये का फंड दिया जा रहा है. और नियम के अनुसार इन फंड्स का प्रयोग आपके गांव में पानी, नाली, सड़क, शौचालय, स्कूल का प्रबंधन, साफ-सफाई और तालाब में किया जाना चाहिए. इस वक्त गांव के विकास और उसे सशक्त बनाने के लिए पूरे भारत में ग्राम स्वराज अभियान का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें गाँव के लोगों को ग्राम पंचायत और प्रधानों के बारे में जानकारी दी जा रही है. हालांकी ये आपके हक के लिए जानना जरुरी है कि ग्राम पंचायत में कितने काम हुए, तो आइए ग्राम पंचायतों की कुछ मुख्य कार्यों से आपको रु-ब-रु कराते हैं.

सड़क से जुड़ी समस्या

सड़क से जुड़ी सम्स्याओं का समाधान करना जैसे- रोड को पक्का करना और उनका उचित रख-रखाव करना, कच्ची-पक्की सड़कों का निर्माण. इसके साथ ही ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करना.

आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायता

ग्राम प्रधान कि ये जिम्मेवारी है कि वो इस बात को सुनिश्चित करें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्मी ठिक से काम कर रही हैं या नहीं. आपको ये भी बता दें कि ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्मियों की होती है.

गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना 

गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करना. जिसमें रैली और सभाओं के आयोजन भी शामिल हैं. इसके साथ ही गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करना भी ग्राम पंचायत के अंदर आता है.

गाँव में मौजूद हर सार्वजनिके स्थानों में लाइट्स के इंतेज़ाम करना.

गाँव के हर सार्वजनिक स्थान जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करना, ताकी वहां पर्याप्त रोशनी बनीं रहे.

पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना

गाँव में मौजूद हर प्रजाती के पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करना.

कृषि कार्यक्रमों में भाग लेना और लोगों को जागरुक करना

कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों को जानकारी मुहैया करवाने के लिए कृषि गोष्ठी का आयोजन करना और उन्हें नई जानकारियां देना.

गाँव में किसी भी प्रकार के मतभेद को दूर करना (खासकर सामुदायीक दंगे) और गाँव में भाईचारा और दोस्ताना का माहौल बनाना.

गाँव के हर सार्वजनिक जगहों पर पेड़ लगाना और हरियाली लाना, साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना.  

जनगणना जैसे कामों को आसान बनाने में मदद करना जैसे जन्म, मृत्यु, विवाह आदि का रिकार्ड रखना.

बच्चों के लिए मैदान से लेकर खेल के सामग्री तक उपलब्ध करना जिससे उन्हें खेल में प्रोत्साहन मिले.  सामान

मछली पालन को बढावा देने के लिए मछली पालन के सभी योजनाओं और कार्यों को उचित ढ़ंग से करना.

गाँव को स्वच्छता अभियान के तहत गाँव के लोगों को शौचालयों के प्रयोग के प्रति जागरुक करना और शौचालयों का उचित रख-रखव करना.

गांव कि हर बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत शिक्षा मुहैय्या करना.

गाँव में पशुपालन को बढ़ावा देना और साथ में डेयरी की भी उचित व्यवस्था करना.

English Summary: do you Know the work of Sarpanch
Published on: 08 May 2018, 06:31 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now