भारत में डिजिटल तकनीक के माध्यम से खेती को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में किसानों को डिजिटल आईडी (Digital ID) उपलब्ध कराने का कार्य तेज़ी से चल रहा है. ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 14 राज्यों के 6.1 करोड़ से अधिक किसानों की डिजिटल आईडी बनाई जा चुकी है. यह डिजिटल आईडी एक तरह से किसानों का आधार कार्ड जैसा होता है, जिसमें उनकी ज़मीन, खेती, पशुपालन और अन्य लाभों का पूरा रिकॉर्ड जुड़ा होता है.
क्या है डिजिटल आईडी?
डिजिटल आईडी एक यूनिक पहचान पत्र है, जिसे ‘एग्री स्टैक’ (Agri Stack) प्लेटफॉर्म के तहत किसानों को दिया जा रहा है. यह मिशन ‘डिजिटल कृषि मिशन’ (Digital Krishi Mission) का हिस्सा है. इसे राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा लागू किया जा रहा है. इस आईडी में किसान की जमीन का रिकॉर्ड, बोई गई फसलें, सरकारी योजनाओं का लाभ, पशुधन आदि की जानकारी डिजिटल रूप में दर्ज होती है.
डिजिटल आईडी से किसानों को क्या होंगे फायदे?
डिजिटल आईडी के माध्यम से किसानों को कई सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा. इसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित फायदे शामिल हैं:
- फसल बीमा योजना में आसानी: किसान की जमीन और फसल की जानकारी पहले से रिकॉर्ड में होने से बीमा का लाभ तेज़ी से मिलेगा.
- लोन प्रक्रिया होगी सरल: बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाएं किसान की डिजिटल प्रोफाइल देखकर तुरंत लोन स्वीकृत कर सकेंगी.
- पीएम किसान जैसी योजनाओं का लाभ तुरंत: पात्रता तय करने में आसानी होगी और लाभ सीधे खाते में पहुंचेगा.
- खरीद और समर्थन मूल्य की सुविधा: किसानों को MSP या अन्य सरकारी खरीद में रजिस्ट्रेशन और भुगतान में देरी नहीं होगी.
- पशुपालन और कृषि से जुड़े अन्य योजनाओं का लाभ भी डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर मिलेगा.
सबसे आगे है उत्तर प्रदेश
डिजिटल आईडी जनरेशन में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जहां अब तक 1.3 करोड़ किसानों को डिजिटल आईडी मिल चुकी है. इसके बाद:
- महाराष्ट्र – 99 लाख
- मध्य प्रदेश – 83 लाख
- राजस्थान – 75 लाख
- आंध्र प्रदेश – 45 लाख
- गुजरात – 44 लाख
इसके अलावा तमिलनाडु, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों ने भी डिजिटल आईडी बनाने में काफी प्रगति की है.
11 करोड़ किसानों को डिजिटल आईडी देने का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि देश के 11 करोड़ किसानों को डिजिटल आईडी उपलब्ध कराई जाए. इसके लिए केंद्र सरकार ने साल 2024 में 'डिजिटल कृषि मिशन' को 2,817 करोड़ रुपये के बजट के साथ मंजूरी दी थी, जिसमें से 1,940 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की हिस्सेदारी है. सरकार की योजना है कि अगले 2 वर्षों में पूरे देश में डिजिटल फसल सर्वेक्षण (Digital Crop Survey) शुरू किया जाए. वित्त वर्ष 2024-25 में 400 जिलों में और 2025-26 में पूरे देश में यह सर्वेक्षण लागू किया जाएगा.
एग्री स्टैक से मिलेगा सटीक डेटा
‘एग्री स्टैक’ एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो किसानों के जनसांख्यिकीय विवरण (नाम, उम्र, पता), भूमि जोत, बोई गई फसलें और लाभ प्राप्त योजनाओं की जानकारी को एक जगह एकत्र करता है. इस डेटा के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), बीमा, सब्सिडी, MSP खरीद जैसे लाभों को पाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.