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Updated on: 23 July, 2021 10:01 AM IST
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वर्चुअल कार्यक्रम में संस्थान की सराहना करते हुए.

नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हाल ही में अपना 93वां स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर मध्य प्रदेश के धार जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया गया. यह सम्मान एक वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया. पुरस्कार के रूप में केंद्र को 7 लाख रुपए की राशि, शील्ड और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, कैलाश चौधरी, पुरुषोत्तम रुपाला, केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा भा.कृ.अ.प. के महानिदेशक सहित आदि गणमान्य मौजूद थे. 

खेती में नवाचार के लिए मिला सम्मान

यह पुरस्कार केंद्र को पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.एस किराड़ के नेतृत्व में पिछले 5 वर्षों में किये गए कार्यों को देखते हुए प्रदान किया गया है. बता दें कि इस दौरान केंद्र ने कृषि तकनीकों को लेकर कई नवाचार किए. इसमें बहुमंजिला खेती, उच्च तकनीकी उद्यानिकी, फसल विविधिकरण, कड़कनाथ मुर्गा पालन, बकरी पालन,  एकीकृत  कृषि प्रणाली,  केंचुआ  खाद  प्रदर्शन इकाई,  जैविक खेती,  कृषि अपशिष्ट प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, उन्नत किस्मों का प्रचार-प्रसार, उन्नत मछली पालन तथा मेढ़ नाली जैसी पद्धतियां शामिल हैं.   

व्हाट्सअप पर 35 हजार किसान जुड़े

बता दें कि धार कृषि विज्ञान केंद्र कृषि विस्तार सेवा के तहत देशी डिप्लोमा देने वाला मध्य प्रदेश का पहला केंद्र है. इसके अलावा, केंद्र किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराने के लिए सुदूर अंचलों के 1,36 435 किसानों को मोबाइल सन्देश तथा 35, 825 किसानों को व्हाट्सअप ग्रुप के जरिए कृषि सम्बंधित सूचनाएं पहुंचाने का अनुकरणीय काम कर रहा है. वहीं, केंद्र कोरोना महामारी के समय भी प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशिक्षिण देने में भी अव्वल रहा है.

पहले मिल चुके हैं सम्मान

केंद्र के वर्तमान प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए.के. बड़ाया का कहना है कि इससे पहले संस्थान को साल 2015 में बेस्ट कृषि विज्ञान केंद्र (झोनल), 2018 में फख़रूद्दीन अली अहमद अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि आदिवासी तथा अन्य किसानों की आय को बढ़ाने उद्देश्य से केंद्र जलवायु अनुकूल कृषि तकनीक के प्रति किसानों को जागरूक कर रहा है. इसके लिए किसानों को मेढ़ नाली पद्धति, चौड़ी क्यारी पद्धति, प्रक्षेत्र परीक्षण एवं अग्रिम पंक्ति परीक्षण से अवगत कराया जा रहा है.

 

अन्य संस्थानों ने की सराहना

डॉ. बड़ाया ने आगे बताया कि संस्थान के प्रयास के चलते जिले के प्रोग्रेसिव फार्मर सीताराम निंगवाल, दिनेश पाटीदार भी सम्मानित हो चुके हैं. बता दें कि धार कृषि विज्ञान केंद्र को यह सम्मान देश के 722 कृषि विज्ञान केंद्रों में से चयन के बाद मिला है. जिले को राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान दिलाने में केन्द्र वैज्ञानिकों, अधिकारियों डॉ. जी.एस. गाठिये,  डॉ.एस.एस. चौहान, डी.एस मण्डलोई,  गौरव सारस्वत, भूपेन्द्र  कुमार कुर्मी की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इधर,  केन्द्र की इस उपलब्धि पर कृषि वैज्ञानिकों को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय (ग्वालियर) के कुलपति प्रो. एस.के राव, डॉ. एस.आर. के. सिंह, निदेशक, अटारी जबलपुर एवं निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एन.उपाध्याय ने शुभकामनाएं दी है.   

English Summary: dhar krishi vigyan Kendra got national honor, managed to do many innovations including kadaknath poultry farming
Published on: 23 July 2021, 10:09 AM IST

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