देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार के दिन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन करेंगे. इसके उद्घाटन के बाद से यात्रियों को कई बड़े शहर जाने में कम समय लगेगा. बता दें कि पीएम द्वारा आज एक्सप्रेस-वे को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद मंगलवार (14 फरवरी) से यात्री इसपर सफर का आनंद ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे (India's longest expressway) होगा. तो आइए इस एक्सप्रेस वे की खासियत व अन्य कई जरूरी जानकारी जानते हैं...
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे (country's longest expressway)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1386 किलोमीटर तक है. इस एक्सप्रेस-वे से यात्रा करने पर दिल्ली से लेकर मुंबई के बीच की दूर करीब 12 प्रतिशत तक कम हो जाएगी और साथ ही यात्रा का समय 50% तक कम हो जाएगा, यानी कि जहां आपको दिल्ली से मुंबई पहुंचने में 24 घंटे लगते थे वही इसकी मदद से अब आप 12 घंटे में मुंबई पहुंच सकते हैं. वहीं अब इस एक्सप्रेस-वे की मदद से दिल्ली से जयपुर पहुंचने में यात्रियों को 3 घंटे का समय लगेगा. इससे पहले यात्री 5 से 6 घंटे में दिल्ली से जयपुर पहुंचते थे.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की खासियत
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यह एक्सप्रेस-वे देश के प्रमुख शहरों को 40 इंटरचेंज की मदद से जोड़ेगा.
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यह देश की प्रगति को गति देने में मदद करेगा.
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यह एक्सप्रेस-वे 1424 किलोमीटर की दूरीको 1242 किलोमीटर तक कर देता है.
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यात्रा को सुखद बनाने के लिए इसमें 94 नवीनतमसुविधाएं उपलब्ध होंगी.
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इसके अलावायह कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, 40 मुख्य इंटरचेंज (Interchanges) होंगे.
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइप लाइन, सौर ऊर्जा एवं वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए विशेष प्रावधान ! इसमें Optical Fiber Cable, Pipeline और Solar Energy सहित अधिक कार्यों के लिए 3 मीटर चौड़ा गलियारा तैयार किया गया है. साथ ही वॉटर harvesting के लिए इसमें हर 500 मीटर की दूर पर वॉटर Recharge point दिए गए हैं, जिनकी कुल संख्या 2000 से अधिक है.
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यह भी बताया जा रहा है कि इसमें हर 500 मीटर की दूर पर यात्रियों की सुरक्षा व अन्य कार्य के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जोकि सौर ऊर्जा से संचालित होंगे.
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इस एक्सप्रेसवे पर पर ग्रीन एनर्जी से चलने वाले कई अत्याधुनिक सिस्टम की सुविधा दी गई है.
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बता दें कि इस एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाले आस-पास के गांव का भी विकास होगा.
6 राज्यों से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे
बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश के 6 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. इसके अलावा इसमें कई बड़े शहर भी शामिल होंगे. जैसे कि- कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत. इसके अलावा इसमें हरियाणा के कई जिलों को भी जोड़ा गया है. जो कुछ इस प्रकार से हैं. गुरुग्राम जिले के 11 गांव, पलवल के सात गांव और नूंह जिले के 47 गांव जुड़े हैं.
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देखा जाए तो यह सोहना-दौसा खंड हरियाणा में 160 किमी की दूरी को सरलता से तय करेगा और साथ ही यह गुरुग्राम, पलवल और नूंह जिलों से भी होकर गुजरेगा. यह मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे डीएनडी से जैतपुर तक, जैतपुर से बल्लभगढ़ तक और बल्लभगढ़ से सोहना तक जोड़ने का काम करेगा.