New Scheme 'DJAY-S': महिलाओं को सशक्त बनाने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार का फोकस असंगठित क्षेत्र के कामगारों पर है. सरकार जल्द ही 'दीनदयाल जन आजीविका योजना (DJAY-S)' शुरू करने जा रही है. यह योजना 2014 में शुरू हुई 'दीनदयाल अंत्योदय योजना' का ही विस्तार है, जो 2024 में समाप्त हो चुकी है. अब इसके दायरे को बढ़ाते हुए शहरी गरीबों के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन, घरेलू कामगार, वेस्ट मैनेजमेंट, केयर और गिग वर्कर्स को भी शामिल किया जा रहा है, जिससे गरीबों के साथ कमजोर वर्गों को भी 4 लाख तक का लोन और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी.
भोपाल, इंदौर और उज्जैन में मिली सफलता के बाद राज्य सरकार अब इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने जा रही है. यह योजना शहरी गरीबों को राहत देने के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था में भी नई जान फूंकेगी. आइए इस स्कीम से जुड़ी हर एक जानकारी जानते हैं...
योजना को 'लाड़ली बहना योजना' से जोड़ा गया
'दीनदयाल अंत्योदय योजना' का पायलट प्रोजेक्ट पहले देश के करीब 13 राज्यों में शुरू किया गया था. वही, अब यह पायलट प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में भी शुरू होने के लिए पूरी तरह से तैयार है. खास बात यह है कि इस योजना को 'लाड़ली बहना योजना' (Ladli Bahana Scheme) से जोड़ा गया है, जिससे महिलाओं को बीमा जैसी कई केंद्रीय योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेगा.
योजना का उद्देश्य: रोजगार और सामाजिक सुरक्षा
इस योजना का मकसद असंगठित क्षेत्र के कमजोर वर्गों को आर्थिक मजबूती और सामाजिक सुरक्षा देना है. इसमें खासतौर पर निम्नलिखित 6 वर्गों को शामिल किया गया है:
- परिवहन श्रमिक (जैसे ड्राइवर, रिक्शा चालक)
- निर्माण श्रमिक (मजदूर, साइट वर्कर)
- घरेलू कामगार (मेड, खाना बनाने वाले आदि)
- वेस्ट मैनेजमेंट श्रमिक (सफाईकर्मी)
- केयर वर्कर्स (नर्स, देखभाल करने वाले)
- गिग वर्कर्स (जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर काम करते हैं)
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
- सबसे पहले सर्वे के माध्यम से श्रमिकों की पहचान की जाएगी.
- सभी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा.
- एक आइडेंटिटी कार्ड दिया जाएगा, जो लाभ उठाने का आधार होगा.
योजना से जुड़ी जरूरी बातें
केंद्र और राज्य योजनाओं से जुड़ाव
- रजिस्टर्ड श्रमिकों को प्रधानमंत्री बीमा योजना, जनधन, आयुष्मान भारत, जैसी योजनाओं से जोड़ा जाएगा
- लाड़ली बहना योजना की महिलाओं को बीमा लाभ मिलेगा
स्व-सहायता समूहों का गठन
- शहरी गरीबों के 70% परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा
- प्रत्येक समूह को ₹25,000 तक की सहायता दी जाएगी
- एरिया फेडरेशन को ₹2 लाख और सिटी फेडरेशन को ₹1 लाख की मदद
वित्तीय सहायता
- व्यक्तिगत स्तर पर ₹4 लाख तक का लोन
- समूहों को ₹20 लाख तक का लोन
- बचत के आधार पर बैंक से अतिरिक्त लोन की सुविधा
सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास
- 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शेल्टर होम, आजीविका केंद्र, डे-केयर सेंटर
- सभी नगर पालिकाओं में लेबर चौक का निर्माण
- नवाचार और विशेष प्रोजेक्ट्स
- गरीबी उन्मूलन के लिए नवाचार प्रस्ताव
- सिंगल विंडो सिस्टम के तहत गारंटी केंद्र का निर्माण
- हर नगर निकाय को ₹5 लाख की सहायता