किसी भी देश के लोगों की पहचान कछ प्रमाण पत्रों से होती है जिससे पता चलता है कि वह किस देश के नागरिक है. ऐसे ही हमारे देश के लोगो के पास भी ऐसे बहुत प्रमाण-पत्र या कार्ड है जिनके जरिये हम उनकी पहचान कर सकते है. जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड आदि. इसके आलावा एक कार्ड और है जो हमें पहचान दिलाने के साथ-साथ बैंक से सम्बंधित कामों के लिए भी बहुत आवश्यक है और वो कार्ड है पैन कार्ड, जिसे परमानेंट अकाउंट नंबर भी कहा जाता है. यह एक अलग तरह का पहचान पत्र है. इससे हमें किसी भी तरह के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने में बहुत सहायता मिलती है.
कर विभाग द्वारा कर चोरी को रोकने के लिए इस कार्ड में कुछ बदलाव किए गए है-
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि आयकर नियम, 1962 में 5 दिसंबर से नया नियम लागू होगा.
एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का वित्तीय लेनदेन करने वाली इकाइयों मे प्रबंध निदेशक, निदेशक,ट्रस्टी, लेखक, साझेदार, संस्थापक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी या ऐसी संस्थाओं के पदाधिकारी व्यक्तियों के लिए पैन कार्ड के लिए रजिस्टर करने को अब अनिवार्य कर दिया है. इसका रजिस्ट्रेशन आपको 31 मई या उससे पहले करना होगा. छोटे व्यवसायों द्वारा कर चोरी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है.
आजकल हमारे देश में भी एकल माता पिता या या एकल दंपति संस्कृति पनप रही है और इस नए चलन के चलते ही यह फैसला लिया गया है. नए नियमों के तहत जो लोग एकल माता-पिता हैं ऐसे पैन कार्ड आवेदकों को अब पिता का नाम प्रस्तुत करने के लिए नहीं कहा जाएगा. हालाँकि, आवेदकों को यह चुनने की स्वतंत्रता है कि वे किसका नाम अपने पैन कार्ड पर लिखवाना चाहते है. इसका भी एक विकल्प मिलेगा.
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