केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने राशन कार्ड धारकों को एक बड़ी राहत है. दरअसल, राशन कार्ड को (Ration Card) को आधार कार्ड के नंबर से (Aadhar Card) से लिंक कराने की समय-सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दी है. अब खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Act) के तहत किसी भी लाभार्थी का राशन कार्ड आधार नंबर से लिंक न होने की वजह से रद्द नहीं किया जाएगा. यानी राशन के आधार से लिंक न होने पर भी लाभार्थियों को राशन मिलता रहेगा. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने 3 महीने तक 15 किलो मुफ्त राशन देने का ऐलान किया है.
राशन कार्ड नहीं होंगे रद्द
खाद्य विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 30 सितंबर तक किसी भी सही लाभार्थी का राशन कार्ड रद्द नहीं किया जाएगा. अगर किसी का राशन कार्ड आधार नंबर से लिंक नहीं है, तो इस कारण उस लाभार्थी का नाम नहीं हटाया जाएगा. विभाग ने निर्देश जारी किया है कि लाभार्थियों के बायोमेट्रिक या आधार की पहचान नहीं होने की वजह से एनएफएसए के तहत किसी को खाद्यान्न से वंचित नहीं जाएगा.
कई लोगों ने राशन कार्ड आधार से लिंक कराया
खाद्य मंत्रालय की मानें, तो अब तक कुल 23.5 करोड़ राशन कार्ड्स में से 90 प्रतिशत राशन कार्ड लाभार्थी आधार नंबर से लिंक हो चुके हैं. इन लाभार्थियों के परिवार से एक सदस्य का आधार राशन कार्ड से लिंक हो चुका है.
1 जून से 20 राज्यों में 'एक देश-एक राशन कार्ड' योजना
देश में कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में सरकार ने श्रमिकों के पलायन और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राहत दी है.. सरकार ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा के तहत एक देश-एक राशनकार्ड योजना बनाई, जिस पर अमल करने की तैयारी लगातार जाती है. केंद्र सरकार द्वारा 1 जून से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में एक देश-एक राशनकार्ड को लागू किया जाएगा. हाल ही में यह जानकारी केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने दी थी.
इन राज्यों में प्रक्रिया हुई पूरी
आपको बता दें कि एक देश-एक राशनकार्ड योजना से पहले ही 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जोड़ा जा चुका है. इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, गोवा, झारखंड, त्रिपुरा, बिहार, हिमाचल प्रदेश और दमन-दीव शामिल है.