क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने किसानों के लिए इस खरीफ सीज़न, सुकृति के साथ प्रकृति फसल बीमा की खरीदी को अब और भी आसान बना दिया है. किसानों की सुविधा के लिए कंपनी ने क्षेमा प्लेटफॉर्म को अपडेट किया है. इसके तहत भारत के करोड़ों किसानों को अब और तेज़ और बेहतर सेवाएँ मिलेंगी. सुकृति फसल बीमा बेहद किफायती कीमतों पर फसल सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें दो जोखिमों तक के लिए केवल 499 रुपए प्रति एकड़ की शुरुआती दर पर फसल बीमा उपलब्ध है.
क्षेमा प्लेटफॉर्म किसानों द्वारा आसान और सहज उपयोग के लिए क्षेमा ऐप पेश करता है, जो एआई तकनीक द्वारा संचालित है, जो गतिशील मूल्य निर्धारण, अंडरराइटिंग, खेत की निरंतर निगरानी और तेज़ क्लेम सेटलमेंट जैसी सुविधाएं प्रदान करता है. ये सभी मॉडल्स सार्वजनिक और गैर-सरकारी डेटासेट्स के मिश्रण से तैयार किए गए है.
मिनटों में खरीदे फसल बीमा
इस ऐप की सहायता से किसान कुछ ही मिनटों में फसल बीमा खरीद सकते हैं. किसानों को अपने खेत का स्थान, फसल का प्रकार, जोखिम और बुआई की समयसीमा चुनने में मदद मिलेगी, जिसका उपयोग उनके खेत के लिए विशेष रूप से बीमा मूल्य निर्धारित करने के लिए किया जाएगा. क्षेमा एक कुशल मूल्य-निर्धारण एल्गोरिदम का उपयोग करता है, जो संबंधित जोखिम के साथ-साथ 127 जलवायु क्षेत्रों को भी ध्यान में रखता है, और इसके बाद ही बीमा मूल्यों की पेशकश करता है.
ऐप में किए गए बदलावों के बारे में बात करते हुए, राजेशनानी दासारी, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और टेक्नोलॉजी एडवाइज़र, क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड, ने कहा, “क्षेमा में हमारा प्रयास हमेशा से ही किसानों को सस्ती दरों पर सबसे उत्तम फसल बीमा समाधान पेश करना रहा है, जो उन्हें खराब मौसम की वजह से होने वाली आय की क्षति से बचा सकें. हमारा प्लेटफॉर्म इस लक्ष्य को प्राप्त करने, अंडरराइटिंग और दावा प्रक्रियाओं को स्वचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मुझे एआई की सहायता से ऐप में हुए बदलावों के बारे में बात करते हुए बहुत खुशी है, क्योंकि इन्होंने इस खरीफ सीज़न के लिए हमारे प्लेटफॉर्म को और बेहतर बना दिया है."
क्षेमा मोबाइल फोन की सर्वव्यापी उपस्थिति के साथ मालिकाना एआई एल्गोरिदम की तकनीक से लगभग रियल टाइम मौसम और छवि संबंधी आँकड़ों का इस्तेमाल करके किफायती मूल्य पर खेत स्तर पर व्यक्तिगत कवरेज प्रदान करता है. इसके अलावा, इस टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायता से क्षेमा को जोखिमों के प्रबंधन के लिए प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाने की सुविधा भी मिलती है.
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ये अपडेट्स क्षेमा को स्वचालित अंडरराइटिंग सत्यापन और अधिकांश किसानों के लिए तत्काल पॉलिसी उत्पादन के लिए समर्थ बनाते हैं. किसान अब केवल नुकसान का कारण बताकर और फसल क्षति की तस्वीरें या वीडियो अपलोड करके दावा दायर कर सकते हैं. चूंकि, संबंधित किसान का खेत पहले से ही जियो-टैग किया होता है, ऐसे में सिस्टम के लिए सैटेलाइट इमेजरी के साथ इन जानकारी का मिलान करना आसान हो जाता है, जिससे तुरंत दावा दायर करने में मदद मिलती है. क्षेमा का उद्देश्य किसानों को अत्यधिक खर्च किए बिना आर्थिक रूप से मजबूत रहने में मदद करना, और तकनीक का उपयोग करके फसल बीमा की पूरी प्रक्रिया को सुचारू और कुशल बनाना है.