किसानों के लिए इस साल का मानसून वरदान साबित हो सकता है. इस मानसून की वजह से भारत गेहूं, धान, चना सहित खाद्यान्न उत्पादन (Food production) में एक नया रिकॉर्ड बना सकता है. दरअसल, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इस साल खाद्यान्न का उत्पादन लगभग 29.19 करोड़ टन हो सकता है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 67.4 लाख टन ज्यादा है.
पिछले साल खाद्यान्न उत्पादन (Last year food production)
खाद्यान्न फसलों का उत्पादन साल 2018-19 में लगभग 28.52 करोड़ टन था. बीते 5 साल (2013-14 -18-19) की तुलना में इस साल देश में खाद्यान्न उत्पादन लगभग 2.62 करोड़ टन से भी ज्यादा हो सकता है.
मानसून ने जगाई ज़्यादा पैदावार की उम्मीद
अगर बीते मानसून सीजन (Monsoon season) की बात करें, तो इस बार 10 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, जिसने खरीफ़ और रबी सीजन की फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की आस जगाई है. अनुमान है कि साल 2019-20 में धान का उत्पादन 11.74 करोड़ टन हो सकता है, जो पिछले साल से लगभग 96.7 लाख टन ज़्यादा है. गेहूं का उत्पादन भी लगभग 10.62 करोड़ टन का रिकॉर्ड बना सकता है. यह पिछले साल की तुलना में लगभग 26.1 लाख टन ज़्यादा है.
कृषि मंत्रालय का आंकड़ा (Data of Ministry of Agriculture)
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों को देखा जाए, तो इस साल दलहन फसलों का कुल उत्पादन लगभग 230.2 लाख टन होगा. बताया जा रहा है कि दलहन फसलों में चना का उत्पादन रिकॉर्ड बनाएगा. चना फसल का उत्पादन लगभग 112.2 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 12.8 लाख टन ज़्यादा होगा. इसके अलावा तुअर का उत्पादन भी ज्यादा होगा.
दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान का आंकड़ा
इन आंकड़ों की बात करें, तो इस साल तुअर दाल उत्पादन लगभग 36.9 लाख टन होगा. देश में यह उत्पादन पिछले साल लगभग 33.2 लाख टन था. इस साल मोटे अनाजों का उत्पादन लगभग 452.4 लाख टन होने की उम्मीद जताई जा रही है, जो पहले से लगभग 21.8 लाख टन ज़्यादा है.
अन्य नकदी फसलों का बंपर उत्पादन (Bumper production of other cash crops)
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अगर बाकी फसलों के उत्पादन की बात की जाए, तो तिलहन फसलों में नौ तिलहनों का कुल उत्पादन लगभग 88 लाख टन होगा. अगर ये आंकड़े सही साबित हुए, तो यह उत्पादन अब तक का सबसे बड़ा उत्पादन माना जाएगा.
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उम्मीद है कि इस साल सोयाबीन का उत्पादन लगभग 28 लाख टन होगा, जो पहले के मुकाबले लगभग 3.60 लाख टन ज्यादा होगा.
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सरसों का उत्पादन लगभग 13 लाख टन हो सकता है, लेकिन यह पिछले साल की तुलना में कम हो सकता है.
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मूंगफली का उत्पादन लगभग 44 लाख टन होगा, जो पहले की तुलना में लगभग 15.17 लाख टन से ज़्यादा है.
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कपास का उत्पादन लगभग 91 लाख गांठ पहुंचेगा, जो बीते साल 280.42 लाख गांठ था.
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जूट और मेस्ता उत्पादन की बात करें, तो यह लगभग 1 लाख गांठ है. यह बीते साल 98.20 लाख गांठ था.
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गन्ने का उत्पादन लगभग 38 करोड़ टन हो सकता है. यह पिछले साल लगभग 40.54 करोड़ टन रहा था.
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