सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 March, 2021 4:01 PM IST
Women Farmers
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हर कोई महिलाओं की उपलब्धियों पर बात कर रहा है. हर जुबां पर महज महिलाओं की शानदार उपलब्धियों का बखान ही सुनने को मिल रहा है. अतीत की पीड़ादायक स्थिति से लेकर महिलाओं के अब तक के सफर को लोग अलग-अलग तरह से बयां कर रहे हैं.

बेशक, इस बात में कोई दोराय नहीं है कि आज की तारीख में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा के दम पर अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है, लेकिन एक ऐसा क्षेत्र, जहां देश की तकरीबन 60 फीसद आबादी सक्रिय है, वहां महिलाओं का योगदान हमेशा से रहा है, मगर अफसोस आज तक कभी उनके योगदान को नहीं सराहा गया. हम बात कर रहे हैं, कृषि क्षेत्र की, जहां देश की 60 फीसद आबादी प्रत्यक्ष तौर पर सक्रिय है, वहां महिलाओं के योगदान को आखिर इस कदर उपेक्षित किया गया. जानने के लिए पढ़िए हमारी ये खास रिपोर्ट

नहीं मिली महिलाओं को कोई जिम्मेदारी

यह अलग मसला है कि अगर कृषि क्षेत्र में महिलाओं को तरजीह दी जाती, तो इस क्षेत्र की क्या हालत होती? लेकिन अभी की हालिया स्थिति यह है कि इस क्षेत्र में महिलाओं की अहम भूमिका के बाद भी उनके योगदान को सराहा नहीं जा रहा है. यहां तक की कृषि संस्थानों में महिलाओं को कोई खास तवज्जो नहीं दी जा रही है. यहां तक की केंद्रीय कृषि महिला संस्थान की निदेशक की जिम्मेदार भी एक पुरुष को ही दी गई है.

इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए नीति आयोग की कृषि सलाहकार डॉ नीलम पटेल कहती हैं कि, 'कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा महिलाएं कार्यरत हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इनके योगदान को सराहा नहीं गया है. कृषि को लेकर लोगों की पुरुष मानसिकता बनी हुई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि इतनी बड़ी संख्या में स्त्रियों के योगदान के बावजूद भी उनके काम में सहूलियतें देने हेतु किसी भी प्रकार के मशीन को आखिर क्यों विकसित नहीं किया गया.

वहीं, महिला अधिकारों को लेकर काम करने वाली जगमति सांगवान कहते हैं कि, 'खेती में सबसे ज्यादा महिलाएं ही काम करती हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कभी उनके योगदान को नहीं सराहा जाता है. इस क्षेत्र में हमेशा से ही पुरुषों का नाम होता आया है. लिहाजा, अब हमें इस क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को बढ़ाने की दिशा में कुछ कदम उठाने होंगे. 

अविस्मरणीय है महिलाओं का योगदान

यूनाइटेड नेशन के खाद्य कृषि संगठन (FAQ) के मुताबिक, भारतीय कृषि में महिलाओं का योगदान 32 फीसद है. इतना ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में तो कृषि क्षेत्र में महिलाओं का योगदान 48 फीसद से भी अधिक है, लेकिन यहां भी हमेशा से ही पुरुषों को तरजीह दी जाती रही है. बहरहाल, अब कृषि में महिलाओं की भूमिका को सराहने के लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं भी चल रही है.   

English Summary: Contribution of Women in Agriculture
Published on: 08 March 2021, 05:55 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now