Mahindra Tractors ने अप्रैल 2024 में बेचे 37,039 ट्रैक्टर्स, निर्यात बिक्री में 23% की वृद्धि Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 26 November, 2022 12:22 PM IST
संविधान दिवस 26 नवंबर के दिन क्यों मनाया जाता है

भारतीयों के लिए हर साल 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है. इस दिन को महत्वपूर्ण इसलिए माना जाता है क्योंकि यह दिन 1949 के ऐतिहासिक दिन को दर्शाता है. आज ही के दिन संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाया गया था यानी की 26 नवंबर 1949 के दिन देश की संविधान सभा ने संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था. लेकिन इसे 26 जनवरी, 1950 के दिन लागू किया गया था. आपको बता दें कि इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है.

भारतीय संविधान के बारे में

जैसे की आप जानते हैं कि हमारे देश का संविधान विश्व में सबसे लंबा लिखित संविधान है. बता दें कि इसमें कई हिस्से यूनाइटेड किंग्डम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिए गए हैं. संविधान सर्वोच्च कानून, मौलिक राजनीतिक संहिता, संगठनात्मक संरचना, संचालन प्रक्रियाओं और सरकारी संस्थानों की जिम्मेदारियों के साथ-साथ मौलिक अधिकारों, मार्गदर्शक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों को परिभाषित करने के साथ चलाने में अहम भूमिका निभाता है.

संविधान को लेकर डॉ. भीम राव अंबेडकर के विचार

डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने संविधान को लेकर कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे लागू करने वाले अच्छे नहीं हैं, तो वह बुरा साबित होगा और अगर संविधान कितना भी बुरा क्यों न हो, अगर उसे लागू करने वाले अच्छे हैं, तो वह अच्छा साबित होगा.

जानें कितने दिन में बनकर तैयार हुआ था संविधान

भारतीय संविधान को पूरी तरह से तैयार होने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. देश के संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी.

संविधान को कैलीग्राफी के माध्यम से इटैलिक अक्षरों में लिखा गया है. इसके अलावा पुस्तक के हर एक पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने अच्छे से सजाया था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संविधान की असली प्रतियों को दो भाषाओं हिंदी व अंग्रेजी में लिखा गया था. आज भी भारतीय संविधान की पुस्तक को भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है.

भारतीय संविधान को तैयार करने में लगभग 64 लाख रुपए तक का खर्च हुआ था.

ये भी पढ़ें: हर साल 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ क्यों मनाते हैं, पढ़िए इस दिन से जुड़ी अहम बातें

संविधान पुस्तक की मूल प्रति

ऐसी दिखती है संविधान पुस्तक की मूल प्रति

16 इंच चौड़ी

22 इंच लंबी चर्मपत्र सीटें

पांडुलिपि में 251 पृष्ठ 

English Summary: Constitution Day: No matter how bad the constitution is, if those who implement it are good then it will prove to be good Dr. Ambedkar
Published on: 26 November 2022, 12:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now