तीन राज्यों में किसानों के मुद्दे को लेकर सत्ता में आने वाली कांग्रेस अब इसी मुद्दे को पूरे देश में उजागर करने वाली है. साल 2014 के भारतीय जनता पार्टी की तरफ से किसानों के लिए किये गये वादों को कांग्रेस रूबरू करने के लिए महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की तर्ज पर पदयात्रा करने जा रही है. बिहार राज्य में गांधी की कर्मभूमि चंपारण में किसान दो दिवसीय यात्रा करेगें. ये यात्रा 25-26 जनवरी को की जाएगी.
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किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया कि चंपारण में दो दिन की पदयात्रा की शुरूआत के बाद कांग्रेस पार्टी देश भर में किसान पदयात्राएं चालू करेंगी. 30 जनवरी को पदयात्रा कार्यक्रम का समापन दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर किया जायेगा. इस पद यात्रा के दौरान देश के हर कोने से किसान एवं किसान संगठन जुटेंगे . वे बताते हैं कि साल 2014 में किसानों से बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन ऐसा क्या है जो आज भी देश का किसान कर्ज में फंसा हुआ है और आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है.
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बीते पांच सालों में लगभग हजारों किसानों ने आत्महत्याएं की हैं. कर्ज माफी पर कांग्रेस ने जो वादा किया उसे तीन राज्यों में पूरा करके दिखाया. इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्ज़माफी, फसल के नुकसान पर शीघ्र मुआवजा के रूप में तत्काल 20 से 40 हजार रुपए का भुगतान, किसानों के बच्चों को रोजगार के वादों जैसे मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया. इन्हीं सब मुद्दों को ध्यान दिलाने के लिए पार्टी किसानों के मुद्दों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेगी. इससे सरकार पर शायद कुछ असर पड़ जाये.