नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 22 January, 2019 4:04 PM IST

तीन राज्यों में किसानों के मुद्दे को लेकर सत्ता में आने वाली कांग्रेस अब इसी मुद्दे को पूरे देश में उजागर करने वाली है. साल 2014 के भारतीय जनता पार्टी की तरफ से किसानों के लिए किये गये वादों को कांग्रेस रूबरू करने के लिए महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की तर्ज पर पदयात्रा करने जा रही है. बिहार राज्य में गांधी की कर्मभूमि चंपारण में किसान दो दिवसीय यात्रा करेगें. ये यात्रा 25-26 जनवरी को की जाएगी.

ये भी पढ़ें - कितना जायज़ किसान आंदोलन ?

किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया कि चंपारण में दो दिन की पदयात्रा की शुरूआत के बाद कांग्रेस पार्टी देश भर में किसान पदयात्राएं चालू करेंगी. 30 जनवरी को पदयात्रा कार्यक्रम का समापन दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर किया जायेगा.  इस पद यात्रा के दौरान देश के हर कोने से किसान एवं किसान संगठन जुटेंगे . वे बताते हैं कि साल 2014 में किसानों से बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन ऐसा क्या है जो आज भी देश का किसान कर्ज में फंसा हुआ है और आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है.

ये भी पढ़ें - तो गन्ना बकाया बन सकता है किसान आंदोलन का कारण

बीते पांच सालों में  लगभग हजारों किसानों ने आत्महत्याएं की हैं. कर्ज माफी पर कांग्रेस ने जो वादा किया उसे तीन राज्यों में पूरा करके दिखाया. इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्ज़माफी, फसल के नुकसान पर शीघ्र मुआवजा के रूप में तत्काल 20 से 40 हजार रुपए का भुगतान, किसानों के बच्चों को रोजगार के वादों जैसे मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया. इन्हीं सब मुद्दों को ध्यान दिलाने के लिए पार्टी किसानों के मुद्दों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेगी. इससे सरकार पर शायद कुछ असर पड़ जाये.

English Summary: congress will start for the rights of the farmers nationwide movement
Published on: 22 January 2019, 04:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now