केंद्रीय सरकार के द्वारा देशभर में स्वच्छता को लेकर सर्वे करवाए गए थे, जिसकी रैंकिंग की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. आपको बता दें कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 (clean air survey 2022) की इस रिपोर्ट में ओवरऑल रैंकिंग में देश के कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश ने अपना शानदार प्रदर्शन किया है.
स्वच्छता में UP के 3 शहरों ने किया कब्जा
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 की रैंकिंग में यूपी के तीन शहरों ने टॉप 3 पर अपना दबदबा बनाया. जिसमें सबसे पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है. दूसरे नंबर पर प्रयागराज शहर है और वही तीसरे नंबर पर वाराणसी नगर है. इन शहरों को स्वच्छता की टॉप रैंकिंग में शामिल करने के लिए महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि लखनऊ में पर्यावरण सुधार के लिए विगत 5 सालों से कोशिश जारी थी. अब कहीं लखनऊ को यह सम्मान प्राप्त हुआ है. बता दें कि लखनऊ शहर की इस सफलता के लिए लखनऊ के महापौर संयुक्ता भाटिया को उड़ीसा के भुवनेश्वर शहर ने शनिवार के दिन 1.5 करोड़ रुपए की राशि से सम्मानित किया.
अन्य 9 शहरों को मिला 'नेशनल क्लीन एयर सिटी' पुरस्कार
इस रैंकिंग में देश के 9 शहर जिन्होंने इस सर्वेक्षण की वायु गुणवत्ता लक्ष्यों को पूरा कर अपना बेहतर प्रदर्शन दिया है. इनके इस कार्य के लिए 9 शहरों को नेशनल क्लीन एयर सिटी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस सर्वेक्षण में देशभर के लगभग 123 शहरों ने अपनी स्वच्छता की रिपोर्ट पेश की, जिसमें से कुछ ही शहरों को टॉप लिस्ट की सूची में शामिल किया गया है और साथ ही उन्हें राशि देकर भी सम्मानित किया गया. ताकि वह इसे शहर की प्रगति में लगा सकें और स्वच्छता की दिशा में अपने नए कदम उठा सके.
3 लाख से कम आबादी में इन शहरों को मिला पुरस्कार
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 में तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों को भी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जिसमें मध्य प्रदेश ने नंबर-1 का स्थान प्राप्त किया है. बता दें कि मध्य प्रदेश के देवास ने कुल 17.5 अंकों पर प्रथम स्थान हासिल किया है. दूसरा स्थान हिमाचल प्रदेश का सुंदरनगर 169.7 अंकों पर बना हुआ है और नालागढ़ ने 167 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है.
इस साल की सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 की लिस्ट जारी होने के बाद से देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में बद्दी, परमाणु, डमटाल, काला अंब और पांवटा साहिब शहर शामिल हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन शहरों की वायु गुणवत्ता इतनी खराब स्थिति में पहुंच गई है कि यहां रहने वाले लोगों के लिए सांस लेना भी आने वाले समय में बहुत मुश्किल हो सकता है.