Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 27 July, 2020 5:58 AM IST

लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए मेरठ प्रशासन ने अनोखा कदम उठाया है. विकास खंड हस्तिनापुर के सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में मिड-मील भोजन की प्रक्रिया बदल दी गई है. दरअसल प्रशासन ने यहां पढ़ने वाले लगभग 8 हजार बच्चों को सीधे उनके घर में भोजन भेजने का प्रबंध किया है.

खंगाला जा रहा है रिकॉर्ड

इस काम को जल्दी से जल्दी करने के लिए विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के रिकॉर्ड खंगाल रही है. स्कूलों के बंद होने के बाद अब हर माह का भोजन प्रदिदिन के हिसाब से अभिभावकों को दिया जाएगा.

मार्च के बाद से बंद हैं स्कूल

कोरोना महामारी के कारण मार्च के बाद से लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके कारण स्कूलों को बंद रखा गया है. यहां पढ़ने वाले बच्चों का भोजन मार्च के बाद से प्रभावित है.

कंवर्जन कॉस्ट के रूप में मिलेगी रक्म

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मिड डे मील में प्रयुक्त मसालों एवं खाद्य तेल आदि के लिए कंवर्जन कॉस्ट का स्वरूप तैयार किया जाएगा. इसी कॉस्ट को ध्यान में रखते हुए खातों में रक्म भेजा जाएगा. फिलहाल सभी स्कूलों को खाद्यान्न मिल चुका है और उम्मीद है कि वितरण प्रक्रिया भी जल्दी शुरू हो जाएगी.

ये खबर भी पढ़े: 31 सालों में पहली बार कैंसिल हुआ दिल्ली का लोकप्रिय आम महोत्सव, जानिए वजह

कितना मिलेगा कंवर्जन कॉस्ट

कंवर्जन कॉस्ट को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक विद्यालय के हर बच्चे को 374 रुपये दिया जाएगा, जबकि उच्च प्राथमिक के प्रति बच्चे को 561 रुपए दिया जाएगा.

प्रधानाध्यापक को देना होगा हिसाब

भोजन के हिसाब की जवाबदेही प्रधानाध्यापक के जिम्मे रहेगी. बच्चों के बारे में खाद्यान्न की जानकारी उन्हीं को कोटेदार को देनी होगी. इसी जानकारी के हिसाब से कोटेदार बच्चों के अभिभावकों को भोजन उपलब्ध कराएगा. पैसा उपलब्ध कराने के लिए सरकार अभिभावकों के नाम, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता संख्या आदि की जानकारी जुटा रही है.

English Summary: children of merrut government school will get mid day meal food in their own home know more about it
Published on: 27 July 2020, 06:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now