सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 12 July, 2019 1:54 PM IST

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की जलवायु हल्दी और अदरक के लिए काफी उपयुक्त मिली है. यही वजह है कि बड़े पैमाने पर खेती करने जा रहे है. वैज्ञानिक चाहते है कि इसके बीज किसानों को बांटा जाए ताकि इसके सहारे आदिवासी क्षेत्र के किसान बेहतर मुनाफा कमा सकें. इसके लिए पूरी प्लानिंग भी हो चुकी है. जिला पंचायत के सहारे कुछ पैसों की भी मांग हुई है, ताकि खेती का फायदा किसानों को ट्रेनिंग देकर और उन्हें बीज बांटकर उठाया जा सके.

अदरक और हल्दी की बेहतर पैदावार

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह काम किसानों को फायदे से ऊपर ले जाने वाला है. उनके अनुसार बिलासपुर की मिट्टी रेतीली होती है. इसमें अदरक और हल्दी की काफी बेहतर पैदावार हो सकती है. कुछ पौधों के बीच में जो जगह बचती है वहां पर इसको लगवाया जा सकता है. दरअसल अदरक और हल्दी दोनों की खेती के लिए आधा धूप और छांव का होना जरूरी है. इसमें ही पौधे बेहतर तरीके से पनप पाते है. इसके अलावा पानीकी मांग भी ज्यादा नहीं होती है.अधिकारियों के अनुसार उन्होंने खेती की पहल शुरू कर दी है और जून का मौसम ही अदरक और हल्दी हेतु बेहतर माना गया है.

इसीलिए जरूरी हल्दी की खेती

हल्दी क भारतीय वनस्पति है. यह अदरक की प्रजाति का 5 फीट तक बढ़ने वाला पौधा है. जिसमें जड़ की गांठों में हल्दी मिलती है. हल्दी को प्राचीन काल से ही एक तरह का चमत्कारी द्र्व्य के रूप में मान्यता प्राप्त माना जाता है. औषधी ग्रंथों में इसको हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा, वरवर्णिनी, गौरी, हरदल,टर्मरिक नाम दिए गए है.भारतीय रसोई में इसका अहम स्थान है. इसको धार्मिक रूप से शुभ माना जाता है. इसके अलावा भारत में विवाह में भी हल्दी की रस्म का अहम स्थान है.

English Summary: Chhattisgarh's turmeric and ginger scent on the earth
Published on: 12 July 2019, 01:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now