कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे (Capt Amarinder Singh's resignation) के बाद कांग्रेस में मची सियासी उठापटक के बीच पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने शपथ ली. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) के अलावा, सोमवार को सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) और ओपी सोनी (OP Soni) ने भी डिप्टी सीएम (Deputy CM) पद की शपथ ली.
बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री (Charanjit Singh Channi is the first Dalit Chief Minister of Punjab) हैं. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपना सीएम चेहरा बदला है.
सिद्धू और रंधावा के बीच में हुई खींचतान
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब विधायक दल का नया नेता चुनने की दो दिन तक जारी रही कवायद का नतीजा काफी रोचक रहा. कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए महीनों तक लामबंद रहे नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर सिंह रंधावा (Navjot Singh Sidhu and Sukhjinder Singh Randhawa) रविवार को खुद ही सीएम पद हासिल करने की दौड़ में एक-दूसरे को मात देने में जुट गए. वहीं यह मुकाबला शाम तक जारी रहा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि सिद्धू के समर्थकों ने इसे लेकर रविवार को अभियान भी छेड़ा. हालांकि, पार्टी हाईकमान ने सिद्धू और रंधावा के दावों को हाशिए पर रखते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को प्रदेश की कमान सौंप दी.
कैप्टन के खिलाफ बगावत में चन्नी ने निभाई थी अहम भूमिका
गौरतलब है कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर (Former CM Capt Amarinder) के खिलाफ बगावत में चन्नी ने अहम भूमिका निभाई थी. कांग्रेस प्रधान बनने के बाद चमकौर साहिब के दौरे के वक्त चन्नी ने सिद्धू को घर बुला लिया था और कांग्रेस प्रधान का पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था.
पार्टी के सूत्रों के अनुसार यदि सुखजिंदर रंधावा सीएम बन जाते तो 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों का नेतृत्व करने में भी सिद्धू को परेशानी होनी थी, जिसके मद्देनजर, सिद्धू ने रंधावा के नाम का विरोध किया.
राहुल के नजदीकी और कैप्टन के विरोधी
पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे CM Charanjit Singh Channi कैप्टन के धुर राजनीतिक विरोधी माने जाते हैं. चन्नी के नेतृत्व में ही विधायकों ने अगस्त में कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ बगावत की थी. तब उन्होंने साफ कहा था कि हमें कैप्टन पर भरोसा नहीं है. बता दें, कि चन्नी दलित-सिख हैं और राहुल के करीबी माने जाते हैं.
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में जारी दंगल के बीच कांग्रेस पार्टी ने सीएम चेहरा बदला है, लेकिन अभी भी कांग्रेस के बीच का दंगल पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है. हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपना नया दांव चल चुनाव की तैयारी शुरू कर दिया है.