करोड़ों खाताधारकों के लिए एक बड़ी खबर ज़रूरी जान लेना चाहिए कि बैंकों के बचत खाते में पैसे रखने का नियम आने वाली 30 जून से बदल जाएगा. अब बैंकों के बचत खाते में पैसे रखने के वही नियम होंगे, जो कि लॉकडाउन से पहले थे. बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से सराकार ने लॉकडाउन के दैरान ऐलान किया था कि बैंक खाताधारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस में राहत दी थी. वित्त मंत्री ने बताया था कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी बैंक के बचत खाते में 3 महीनों के लिए न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होगी. सरकार द्वारा यह राहत सिर्फ अप्रैल, मई और जून तक के लिए थी. इसके बाद आने वाली 30 जून से नियमों में बदलाव हो जाएगा. इस फैसले के मुताबिक, अगर अब 3 तीन महीनों के दौरान बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं हुआ, तो बैंक आप पर पेनाल्टी नहीं लगा सकता था.
जानकारी के लिए बता दें कि सभी बैंक अपने मुताबिक न्यूनतम बैलेंस रखने की राशि तय करती है. उसके मुताबिक ही हर महीने खाताधारक को अपने खाते में उतनी राशि रखना जरूरी होता है. अगर ऐसा न किया जाए, तो आप पर बैंक पेनाल्टी लगा देता है. अगर मेट्रो शहरों में SBI के बचत खाते की बात करें, तो इस बैंक ने न्यूनतम की राशि 3 हजार रुपए रखना तय था. इसी तरह अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह राशि 2 से 1 हजार रुपए रखना तय था. अगर मिनिमम बैलेंस न हो, तो एसबीआई 5 से 15 रुपए प्लस टैक्स वसूलता था.
इसके अलावा सरकार ने एटीएम से कैश निकालने पर लगने वाले चार्ज से भी राहत दी थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डेबिट कार्ड होल्डर्स 3 महीनों के लिए किसी भी बैंक के एटीएम से कैश निकाल सकते हैं. इस पर किसी तरह का चार्ज भी नहीं लगाया था. ऐसा इसलिए किया गया था कि लोग पैसा निकालने के लिए बैंक शाखाओं में न जाएं. फिलहाल, इस नियम में किसी तरह का बदलाव किया जाएगा, इस बात की जानकारी सरकार या बैंक द्वारा नहीं दी गई है. हालांकि, देशभर में अभी भी कोरोना महामाकी का संकट जारी है. आए दिन इस कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसके चलते देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति भी अभी सही नहीं हो पाई है.
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