देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 23 August, 2023 10:29 AM IST
Chandrayaan-3

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का चंद्रयान-3 आज बुधवार को इतिहास रचने के लिए पूरी तरह से तैयार है. भारतीय समयानुसार शाम 6:04 मिनट पर लैंडर विक्रम चांद की दक्षिणी सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा है. इस पर भारत समेत पूरी दुनिया की करोड़ों निगाहें टिकी हुई हैं. यह लैंडिंग होते ही हमारा भारत देश चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर पहुंचने वाला दुनिया का सबसे पहला देश बन जाएगा. आपको बता दें, इस मिशन पर केवल 600 करोड़ रुपये का खर्च आया है, जो अन्य विदेशी चन्द्रयान मिशन से बहुत ही कम खर्च है.

अंतिम 17 मिनट होंगे अहम

आपको बता दें कि लैंडर के सॉफ्ट-लैंडिंग की प्रक्रिया 17 मिनट में पूरी होनी है. ऐसे में इसरो द्वारा सभी मापदंडों को देखते हुए इसरो बेंगलुरु के निकट इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN) से लैंडिंग के सभी आवश्यक कमांड को लैंडिंग मॉड्यूल पर अपलोड करेगा. इस अंतिम 17 मिनट में लैंडर के इंजन को सही समय और उचित ऊंचाई पर चांद पर लैंडिग के लिए अच्छी तरह से निगरानी में उतारा जाएगा. इसमें वैज्ञानिकों को सही मात्रा में ईंधन का उपयोग करना, नीचे उतरने से पहले किसी प्रकार की बाधा, पहाड़ या खड्डा जैसी विपरीत स्थितियों पर निगरीनी रखना होगा.

 

देख सकेंगे सीधा प्रसारण

आज शाम यानि 23 अगस्त शाम 5:20 बजे से ISRO इसका सीधा प्रसारण पूरी दुनिया के लिए करेगा. देश के अधिकांश स्कूल, कॉलेज में भी इसके सीधे प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है. आप इसरो की आधिकारिक वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर भी इसका प्रसारण देख सकते हैं. इसके अलावा यह दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर भी सीधा प्रसारित किया जाएगा.

Chandrayaan-3

दक्षिणी ध्रुव क्यों है अहम

चांद की दक्षिणी सतह पर लैंडिंग करते ही भारत एक इतिहास रच देगा और चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा. आपको बता दें कि दुनिया भर के वैज्ञानिक चांद की दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह वहां पर जमे बर्फ के उपस्थिति की संभावना जताई जा रही है. वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रमा पर पानी मिलने से वहां पर स्थायी निवास की व्यवस्था की जा सकती है.

ये भी पढ़ें: चंद्रयान को देख दहशत में आए ऑस्ट्रेलिया निवासी, जानिए क्या हुआ ऐसा

Chandrayaan-3

मिट्टी की सतह का करेगा अध्ययन

विक्रम लैंडर अपने साथ रोवर प्रज्ञान भी चांद की सतह पर उतारेगा. इस लैंडर में लगे तीन Payloads चांद की सतह का अध्ययन करेंगें. रोवर कुछ दूर चलने के बाद चांद की मिट्टी का अध्ययन करेगा. इस प्रज्ञान रोवर में तीन पेलोड लगे हैं. इनमे से पहला दक्षिणी ध्रुव की मिट्टी अध्ययन करेगा. दूसरा रासायनिक पदार्थ, खनिजों का अध्ययन करेगा और तीसरा पेलोड चांद पर जीवन की संभावना का अध्ययन करेगा.

बता दें, अब तक पूरी दनिया में अमेरिका, रूस और चीन ने ही सफलतापूर्वक चांद पर अपने लैंडर उतारे हैं. इस सफलता के बाद हमारा भारत देश चांद पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा.

English Summary: Chandrayaan-3 landing: India and world’s eyes on our moon mission
Published on: 23 August 2023, 10:35 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now