Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 27 December, 2019 5:53 PM IST

कैलाश चौधरी, राज्य मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे. उन्होंने संस्थान के प्रायोगिक प्रक्षेत्र पर संरक्षण खेती आधारित मॉडल, भूजल रिचार्ज संरचना, बहुउद्देशीय कृषि मॉडल, संरक्षित खेती, विभिन्न फसल प्रजातियों और प्रायोगिक लाइसीमीटर आदि तकनीकियों का दौरा किया.

चौधरी ने कार्यक्रम में शिरकत कर रहे किसानों, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए देश की खाद्यान्न सुरक्षा में किसानों एवं वैज्ञानिकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को लाभप्रद बनाने के लिए शोधकर्ताओं, सरकारी संस्थाओं एवं कृषि उद्योगों आदि को किसानों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर कार्य करना होगा. कृषक उत्पादन संगठन का जिक्र करते हुए मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कृषि आय बढ़ाने के लिये किसानों को अपने उत्पादों का व्यापार स्वयं करना होगा. कृषि योजनाओं के लिए किसानों को जागरूक करने पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कम संसाधनों में अधिक-से-अधिक उत्पादन लेने के लिए किसानों से बहुउद्देशीय खेती को अपनाने का आग्रह किया. 

कार्यक्रम के उपरांत श्री चौधरी ने ग्राम नड़ाना में एक किसान सभा को संबोधित करते हुए हरियाणा एवं पंजाब में धान की पराली जलाने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की. इस किसान सभा में ग्राम नड़ाना के आस-पास के 400 एवं पंजाब के लगभग 100 किसानों ने भाग लिया. किसान सभा में अशोक गहलावत, अतिरिक्त कृषि निदेशक, हरियाणा सरकार; डा. राजबीर सिंह, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संस्थान, लुधियाना; डा. आदित्य डबास, उपनिदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संस्थान, लुधियाना और डा. एम. एल. जाट, सीमिट आदि उपस्थित थे.

डा. प्रबोध चन्द्र शर्मा, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल ने तथ्यों एवं आँकड़ों के हवाले से संस्थान द्वारा लवणग्रस्त मृदाओं के प्रबंधन के लिए विकसित की गई तकनीकियों एवं लवण सहनशील प्रजातियों के बारे में अवगत कराया.

इस कार्यक्रम में आस-पास के गाँवों के लगभग 100 किसान एवं करनाल स्थित भाकृअनुप के संस्थानों के निदेशक एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे.

English Summary: Central Soil Salinity Research Institute organized 'Regional Farmers' Day' in karnal
Published on: 27 December 2019, 05:55 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now