75 एचपी रेंज में सबसे ताकतवर ट्रैक्टर, जो है किसानों की पहली पसंद हल्दी की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत, आज है लाखों में कारोबार PMFBY: फसल खराब पर देश के कई किसानों को मिलता है मुआवजा, इस नंबर पर करें शिकायत खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 19 November, 2020 12:46 PM IST

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां खेती में नित नए तकनीकि प्रयोग हो रहे हैं. ऐसे में अब केन्द्र सरकार ने खेतीबाड़ी में भी ड्रोन के उपयोग को स्वीकृति दे दी है. यानि अब खेती बाड़ी से जिड़े रिसर्च के लिए लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा.

तेलंगाना के हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल क्रॉस रिसर्च इंस्टीट्यूट को इसके प्रयोग की सशर्त मंजूरी दी गई है. विभिन्न कृषि अनुसंधानों के लिए संस्थान ड्रोन का उपयोग कर सकेगा. संस्थान को यह मंजूरी नागर विमानन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय ने प्रदान की है. नागरिक उड्यन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने बताया कि यह मंजूरी डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के पहले के पूर्ण परिचालन या जारी की गई तारीख से छह महीने तक ही मान्य होगी.

नागरिक उड्यन मंत्रालय के संयुक्त सचिव का ये भी कहना है कि देश में तकनीकी तौर नए प्रयोग हो रहे हैं. यही वजह है कि आधुनिक तकनीकों का उपयोग भी कृषि क्षेत्र में बढ़ रहा है. ड्रोन भी ऐसा ही तकनीकि यंत्र है जो टिड्डी नियंत्रण, फसल उपज को बढ़ाने और कृषि सम्बंधित कई महत्वपूर्ण कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकता है. साथ उन्होंने बताया कि सरकार अपनी तरफ से इस बात के लिए प्रयासरत है कि साढ़े छह लाख से अधिक गांवों के लिए युवा उद्यमियों और शोधकर्ताओं को कम कीमत में ड्रोन उपलब्ध कराए जाए. बता दें कि कृषि अनुसंधान प्रयोगों के लिए दी गई यह छूट रिमोटली पायलेटिड एयर क्राफ्ट सिस्टम्स के तहत दी गई है.

छूट की प्रमुख शर्तें इस प्रकार है:

ड्रोन का इस्तेमाल करते समय हुई दुर्घटना घटना की स्थिति में संस्थान को थर्ड पार्टी को हुई क्षति को कवर करने के लिए बीमा का पर्याप्त स्तर रखना होगा.

कानूनी या अन्य मुद्दे जो इन परिचालनों के कारण पैदा हुए ICRISAT उनसे डीजीसीए को सुरक्षित रखना होगा. 

साथ संस्थान को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपकरण की खराबी के कारण उत्पन्न स्थिति के लिए आरपीएएस जिम्मेदार होगा. 

उपकरण के संचालन के दौरान किसी भी व्यक्ति को लगी चोट के मामले में मेडिको-लीगल मुद्दों के लिए संस्थान ही जिम्मेदार होगा. 

हवाई अड्डे के आसपास सीएआर के प्रावधानों के अनुसार इनके संचालन की छूट नहीं.

उपकरण को प्रशिक्षित और अनुभवी बोनाफाइड कर्मी ही संचालित करेंगे.

English Summary: central government give permission to use drones for agricultural research activities
Published on: 19 November 2020, 12:49 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now