Ban 23 Dog Breeds: भारत में बीते कई दिनों से कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाएं सुर्खियों में हैं. आए दिन सामने आ रहे पालतू कुत्तों के हमलों के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने राज्यों को खतरनाक ब्रीड कुत्तों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. भारत सरकार ने पिटबुल टेरियर, रॉटविलर और जर्मन शेफर्ड सहित 23 खूंखार कुत्तों की नस्लों पर बैन लगया है. सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि, जिन लोगों ने इन नस्लों के कुत्तों को पहले से पाल रखा है, उन्हें इन कुत्ते के आगे प्रजनन को रोकने के लिए नसबंदी की जानी चाहिए. भारत सरकार ने डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग रूल्स 2017 और पेट शाप रूल्स 2018 को सख्ती से लागू करने के भी निर्देश दिए है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें भारत में बैन होने वाली कुत्तों की 23 नस्लें कौन-सी है और केंद्र ने क्यों लिया ये फैसला?
भारत में बैन 23 खूंखार कुत्तों की नस्लें (23 dangerous dog breeds banned in India)
- पिटबुल टेरियर्स
- टोसा इनु
- अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर
- फिला ब्रासीलेरियो
- डोगो अर्जेंटीनो
- अमेरिकन बुलडॉग
- बोअरबोएल
- कांगल
- टार्नजैक
- बैंडोग
- सरप्लानिनैक
- जापानी टोसा
- अकिता
- मॉस्टिफ्स
- राटविलर
- रोडेशियन रिजबैक
- कैनारियो
- अकबाश
- मास्को गार्डडॉग
- वोल्फ डॉग
- जर्मन शेफर्ड
- केन कोर्सो
- बैंडोग नस्ल
कुत्तों के प्रजनन, बेचने और पालने पर रोक
बता दें, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) की अपील और दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक रिट याचिका के बाद भारत सरकार ने कुत्तों की इन 23 खूंखार नस्लों पर बैन लगाने के निर्देश दिए है. वहीं मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के संयुक्त सचिव ओपी चौधरी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने स्थानीय निकायों, पशुपालन विभाग से आग्रह किया है कि खूंखार नस्लों के रूप में चिह्नित कुत्तों के प्रजनन पर रोक लगाए और उन्हें बेचने के लिए आगे कोई लाइसेंस जारी न किया जाए और ना ही पालने की अनुमति दी जाए.
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विभाग को मिली शिकायतों के बाद लगा बैन
इस पत्र में जिक्र किया गया है, कि खूंखार नस्ल के कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में रखने के बाद इनके काटने से इंसानों की मौत के कई मामले सामने आए हैं. विभाग ने इस पत्र में कहा है कि उसे कुत्तों की कुछ खूंखार नस्लों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नागरिकों, नागरिक मंचों और पशु कल्याण संगठनों से शिकायतें मिली हैं. जिसके बाद, विभिन्न हितधारक संगठनों के सदस्यों और विशेषज्ञों के साथ पशुपालन आयुक्त की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया और इस पैनल ने मिश्रित और क्रॉस नस्लों के साथ साथ कुत्तों की कुल 23 नस्लों को क्रूर और मानव जीवन के लिए खतरनाक माना है.