किसानों को कोरोना संकट के इस घड़ी में लाभ दिलाने के लिए खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाने पर विचार चल रहा है. इसमें प्रमुख तौर पर धान, कपास और दाल जैसे फसलें शामिल हैं. देशभर में जारी कोरोना महामारी के बीच किसानों के लिए एक राहत भरी है. किसानों को अधिक लाभ देने के लिए केंद्र सरकार खरीफ फसल की खरीदारी के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. इस संबंध में सरकार को कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्रइसेज़ (सीएसीपी) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब आगे केंद्रीय कैबिनेट के सामने इन सिफारिशों को मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. अगर इन सिफारिशों पर मल किया गया तो किसानों को फसल का ज्यादा दाम मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी.
रु.53 हो सकती है धान की कीमत
देश के एक बड़े अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएसीपी के द्वारा खरीफ की 17 फसलों की एमएसपी को बढ़ाने की सिफारिश की गई है और इसमें धान की फसल को सबसे प्रमुख के तौर पर रखा गया है. धान (ग्रेड-ए) की एमएसपी को सीएसीपी ने 2.9 फीसदी बढ़ाकर 1888 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है. अगर एमएसपी की ऩई दर लागू होती है तो सामान्य धान की एमएसपी 1815 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 1868 रुपए हो सकती है. इस प्रकार नयी दर लागू होने से धान की एमएसपी 53 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ जाएगी.
कॉटन की कीमत में 260 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की सिफारिश
कॉटन की एमएसपी में सीएसीपी द्वारा 260 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने की सिफारिश की गई है. कॉटन (मीडियम स्टेपल) की एमएसपी को 5515 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफासिश की गई है जो मौजूदा समय में 5255 रुपए प्रति क्विंटल है. इसी तरह से कॉटन (लॉन्ग स्टेपल) की एमएसपी को 5825 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की गई है जो मौजूदा समय में अभी 5550 रुपए प्रति क्विंटल है.
दालों की एमएसपी भी बढ़ाने की सिफारिश
सीएसीपी ने खरीफ की प्रमुख दालों की भी एमएसपी बढ़ाने की सिफारिश की है जिसमें तूर, उड़द, और मूंग दाल शामिल हैं. दालों की एमएसपी को बढ़ाने की सीएसीपी द्वारा की गई सिफारिशें कुछ इस तरह हैं. तूर दाल 5800 रुपए से 6000 प्रति क्विंटल, उड़द दाल 5700 से 6000 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग दाल 7050 रुपए से 7196 रुपए प्रति क्विंटल.
मंत्रालयों में विचार विमर्श के बाद लिया जाएगा फैसला
कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो सीएसीपी के प्रस्ताव पर खाद्य और अन्य विभागों में विचार-विमर्श किया जा रहा है सभी तरह से इसपर विचार करके इस रिपोर्ट को कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. बता दें कि सीएसीपी की सिफारिशों को आमतौर पर मान लिया जाता है.
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